मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया किसान सम्मेलन का शुभारंभ, 7 प्रगतिशील किसान सम्मानित: मंदसौर में ₹85 करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं का किया लोकार्पण, एयर एम्बुलेंस की भी घोषणा

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के सीतामऊ में शुक्रवार को एक उत्साहजनक और भविष्य के लिए प्रेरणादायक आयोजन हुआ, जहां किसान सम्मेलन एवं एग्री-हॉर्टी एक्सपो 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। इस आयोजन में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और प्रदेश के किसानों को उन्नत कृषि तकनीक, नवाचार और फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी अहम जानकारियां दीं। मंच पर डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना, बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया सहित कई गणमान्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

इस एक्सपो में प्रदेशभर से आए 250 से अधिक निवेशकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल खेती-किसानी को उन्नत तकनीकों से जोड़ना था, बल्कि किसानों को मसाला और औषधीय फसलों के क्षेत्र में संभावनाओं से भी रूबरू कराना रहा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मौके पर चंदवासा में ₹33.14 करोड़, लदुना में ₹33.59 करोड़ की लागत से निर्मित सांदीपनि विद्यालयों और ₹19.31 करोड़ से बने सुवासरा-गुराड़ियाकला मार्ग का लोकार्पण कर जिले को महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने सभा में मौजूद जनसमूह से कहा, “चाहे कैसी भी स्थिति आ जाए, अपनी जमीन न बेचें। जरूरत हो तो घर गिरवी रखें, लोन लें, लेकिन अपनी जमीन को बचाकर रखें।”

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार जल्द ही मंदसौर सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में एयर एम्बुलेंस सुविधा की व्यवस्था करेगी, जिससे गंभीर मरीजों को समय रहते बेहतर इलाज मिल सके।

इस आयोजन की खास बात यह रही कि इसमें प्रदेश के सात प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने परंपरागत खेती से आगे बढ़कर नवाचार और जैविक खेती में मिसाल कायम की है।

  • डॉ. राकेश पाटीदार (दलौदा) – अलसी के डंठल से रेशा उत्पादन कर रहे हैं।

  • शुभम शर्मा (सिंदपन) – वर्मी कंपोस्ट, मधुमक्खी पालन और मशरूम की खेती में अग्रणी हैं।

  • अनुशील गुप्ता (मंदसौर) – 500 किसानों के साथ गाजर की कांट्रैक्ट फार्मिंग कर रहे हैं।

  • जितेंद्र पाटीदार (धलपट) – सरकारी नौकरी छोड़ सौर ऊर्जा से ड्रिप सिंचाई द्वारा जैविक फल उत्पादन कर रहे हैं।

  • लक्ष्मीनारायण माली (जग्गाखेड़ी) – शेडनेट हाउस में फूलों की खेती कर रहे हैं।

  • नरेंद्र सिंह बोराना (पिपल्या जोधा) – पशुपालन और जैविक खेती को अपनी जीवनशैली बना चुके हैं।

कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों की भी मौजूदगी रही, जिन्होंने किसानों को नई तकनीकों, सरकारी योजनाओं और खेती से जुड़े लाभकारी सुझावों से अवगत कराया।

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