रामनवमी पर्व और चित्रकूट गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भरत घाट में किया दीपदान; भगवान कामतानाथ के किये दर्शन

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

चित्रकूट… वह पुण्यभूमि, जो केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति और सामाजिक चेतना की जीवंत अभिव्यक्ति है। इसी दिव्य भूमि पर, रामनवमी के पावन अवसर पर जब “चित्रकूट गौरव दिवस” मनाया गया, तो यह आयोजन श्रद्धा, संस्कृति और समाज सेवा के अद्भुत संगम के रूप में समर्पित हुआ।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रीराम प्राकट्य पर्व के अवसर पर चित्रकूट की तपोभूमि में उपस्थित होकर इस आयोजन को गरिमा प्रदान की। उन्होंने कहा कि “चित्रकूट केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि वह स्थान है जहाँ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण सदा सर्वदा विराजमान रहते हैं। यह हमारी सनातन संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना का जाग्रत केंद्र है।” मंदाकिनी नदी के पवित्र तट पर दीपदान कर मुख्यमंत्री ने न केवल आध्यात्मिक आस्था को प्रकट किया, बल्कि जनमानस को धर्म और संस्कृति से जुड़ने का संदेश भी दिया।

भरत घाट, कामदगिरि पर्वत, और कामतानाथ स्वामी मंदिर से लेकर घर-घर तक, चित्रकूट की हर गली, हर कोना दीपों की रौशनी से जगमगा उठा। 11 लाख दीपों की अद्भुत छटा ने सम्पूर्ण धर्मनगरी को दिव्यता से सराबोर कर दिया। मुख्यमंत्री ने नगरवासियों को रामनवमी और चित्रकूट गौरव दिवस की शुभकामनाएं देते हुए इस आयोजन को आध्यात्मिक चेतना का उत्सव बताया।

इस ऐतिहासिक दिन पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समाजिक सुधार की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के 19 प्रमुख धार्मिक स्थलों पर 1 अप्रैल से शराबबंदी लागू की गई है, जिससे इन पवित्र स्थानों की गरिमा और शुद्धता बनी रहे। उन्होंने दीनदयाल शोध संस्थान और सद्गुरु सेवा ट्रस्ट द्वारा की जा रही जनसेवा की भी सराहना की, जो नानाजी देशमुख के मूल्यों को साकार कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “देश में जो भी निर्णय सर्वसम्मति से हो रहे हैं, वह भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का प्रमाण हैं। वक्फ संशोधन विधेयक इसका स्पष्ट उदाहरण है, जिससे हमारे गरीब मुस्लिम भाई-बहनों को न्याय मिलेगा।”

इस गौरवपूर्ण अवसर पर मुख्यमंत्री ने कलाकारों का सम्मान कर संस्कृति के संवाहकों को आदर प्रदान किया। सांसद गणेश सिंह, नगरीय विकास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, चित्रकूट विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार सहित कई जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और अधिक ऐतिहासिक बना दिया।

विदेशी मेहमानों ने भी जताया उत्साह

चित्रकूट गौरव दिवस पर दो महिला रूसी पर्यटक — नेली और नताल्या — की उपस्थिति ने यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय संस्कृति की लौ अब विश्व के कोने-कोने तक पहुँच चुकी है। उन्होंने इस आयोजन को “अद्वितीय, आत्मीय और अत्यंत प्रेरक” बताया और कहा कि रामनवमी जैसे पावन दिन पर चित्रकूट आना उनके लिए सौभाग्य की बात है।

कामतानाथ के दर्शन और भावनात्मक मुलाकात

कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भगवान कामतानाथ के प्राचीन मुखारविंद के दर्शन कर प्रदेशवासियों के कल्याण की प्रार्थना की। इसी दौरान, एक विनम्र और मार्मिक क्षण तब सामने आया, जब मुख्यमंत्री पूजन सामग्री की एक दुकान पर पहुंचे और वहाँ मौजूद छात्रा मनोरमा गुप्ता से आत्मीयता से बातचीत की। मनोरमा, जो स्कूली शिक्षा के साथ-साथ अपने पिता की दुकान में सहयोग करती है, मुख्यमंत्री से मिलकर अभिभूत हो गई। मुख्यमंत्री ने उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए यह संदेश दिया कि “हर विद्यार्थी में देश का भविष्य बसता है।”

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