जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा के अवसर पर पर्यावरण-संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ किए गए अभियान “एक पेड़ मां के नाम” का शुभारंभ करते हुए इसे भारतीय संस्कृति की आत्मा बताया। उन्होंने कहा कि वृक्षों को सौ पुत्रों के बराबर मानना, हमारी परंपरा में प्रकृति की गहराई से निहित महत्ता को दर्शाता है।
डॉ. यादव ने अपने संबोधन में कहा कि आज पूरी दुनिया रिसाइकिलिंग और रीयूज की बात कर रही है, जबकि भारतीय जीवनशैली में यह अवधारणाएँ प्राचीन काल से ही मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में नदियों, वृक्षों, पर्वतों और वन्य जीवों की पूजा की परंपरा रही है। यही कारण है कि हमारे पूर्वजों ने पर्यावरण के संरक्षण की शिक्षा हमारे आचार-विचार, कर्मकांड और लोक परंपराओं में समाहित कर दी थी। मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिक जगदीशचंद्र बसु का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने 19वीं सदी में सिद्ध किया कि पौधों में भी प्राण होते हैं, जबकि भारत का लोकमानस यह बात पहले से जानता था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की पर्यावरण अनुकूल नीतियों के चलते 2030 तक 500 गीगावॉट ग्रीन एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जल संरक्षण की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य हुए हैं – 75,000 से अधिक खेत तालाबों का निर्माण, 95,500 कुओं का रिचार्ज, और 1,225 अमृत सरोवरों का जीर्णोद्धार इस बात का प्रमाण हैं।
जल संसाधनों के क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने बताया कि नदी जोड़ो अभियान के अंतर्गत दो नदियों को जोड़कर जल भंडारण की क्षमता और उपयोगिता बढ़ाई जा रही है। केन-बेतवा लिंक परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से न केवल जल वितरण का वर्षों पुराना विवाद सुलझा है, बल्कि लाखों किसानों को सिंचाई का लाभ मिल रहा है। ताप्ती मेगा रिचार्ज प्रोजेक्ट को महाराष्ट्र के साथ मिलकर क्रियान्वित किया जा रहा है, जिससे दो लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी।
कार्यक्रम में राज्य स्तरीय पर्यावरण पुरस्कारों का वितरण भी किया गया। 2022-23 और 2023-24 के लिए अलग-अलग श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उद्योगों, नगरपालिकाओं, अस्पतालों, स्कूलों और एनजीओ को सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय नामों में जे.के. टायर एंड इंडस्ट्रीज (मुरैना), सूर्या रोशिनी (भिंड), इंडिया वेस्ट मैनेजमेंट (रायसेन), नगर निगम सतना, विशेष जुपिटर हॉस्पिटल (इंदौर), नर्मदा समग्र न्यास (भोपाल), और सिंधिया कन्या विद्यालय (ग्वालियर) शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एकीकृत पर्यावरण प्रबंधन पोर्टल का शुभारंभ किया, वेटलैंड एटलस का विमोचन किया और पोर्टल पर केंद्रित एक शॉर्ट फिल्म भी प्रदर्शित की गई। साथ ही चार पीएचडी छात्रों को पर्यावरण छात्रवृत्ति और पर्यावरण पर आधारित पाठ्य सामग्री का विमोचन भी किया गया।
इस भव्य आयोजन में सांसद वी.डी. शर्मा, मंत्री दिलीप अहिरवार, भोपाल महापौर मालती राय, विधायक रामेश्वर शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। वी.डी. शर्मा ने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया और कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव पर्यावरण संरक्षण और विकास के बीच संतुलन का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।