जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश की प्रतिभाशाली युवा पीढ़ी को विज्ञान की दुनिया से जोड़ने के उद्देश्य से सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मैपकॉस्ट) की 17वीं “विज्ञान मंथन यात्रा” का शुभारंभ किया। इस गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन मुख्यमंत्री निवास परिसर में हुआ, जहाँ राज्य के विभिन्न हिस्सों से चयनित कक्षा 10वीं से 12वीं तक के 375 छात्र-छात्राओं को इस यात्रा के लिए रवाना किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बच्चों को न केवल शुभकामनाएँ दीं, बल्कि एक शिक्षक और मित्र के रूप में उनसे संवाद भी किया। उन्होंने विद्यार्थियों से विज्ञान और विशेष रूप से अंतरिक्ष विज्ञान पर सवाल-जवाब किए और टेलीस्कोप की मदद से ग्रह-नक्षत्रों का अवलोकन भी करवाया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह यात्रा न सिर्फ किताबों के बाहर की दुनिया दिखाएगी, बल्कि विद्यार्थियों के लिए जीवन भर का अनुभव साबित होगी। उन्होंने विज्ञान को सिर्फ नौकरी पाने का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन की समझ का औजार बताया। उन्होंने मानव शरीर की प्रक्रियाओं और प्रकृति से इसके समन्वय की चर्चा करते हुए विज्ञान की गहराई से परिचय कराया। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने बच्चों से प्रश्न किए कि पृथ्वी और चंद्रमा में से परिक्रमा कौन करता है? ग्रह और उपग्रह में क्या अंतर है? गुरुत्वाकर्षण शक्ति क्या है? ग्रहों की परस्पर दूरी का आकलन किस तरह होता है? बच्चों के उत्तरों से प्रभावित होकर उन्होंने विद्यार्थियों की समझ और प्रतिभा की सराहना की।
इस विज्ञान मंथन यात्रा के तहत चयनित विद्यार्थियों को दिल्ली और चंडीगढ़ के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों का भ्रमण कराया जाएगा। दिल्ली जाने वाले विद्यार्थियों का दल नेशनल साइंस सेंटर, इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट, राष्ट्रपति भवन सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों का दौरा करेगा, जबकि चंडीगढ़ जाने वाले छात्र सेन्ट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गेनाइजेशन, IISER, फार्मास्युटिकल एजुकेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसी जगहों पर व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करेंगे। सभी छात्र वंदे भारत ट्रेन से रवाना होंगे और दिल्ली पहुँचने पर ‘विज्ञान भारती’ द्वारा उनका भव्य स्वागत किया जाएगा।
विज्ञान मंथन यात्रा के तहत छात्र-छात्राओं को विज्ञान शिक्षा की दिशा में स्कॉलरशिप परीक्षा में भाग लेने का अवसर भी मिलेगा। परीक्षा में सफल होने वाले प्रत्येक कक्षा के 20 विद्यार्थियों को पाँच वर्षों तक हर साल 12,000 रुपये की स्कॉलरशिप दी जाएगी। यह पहल न केवल प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित करती है बल्कि उन्हें शोध और नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करती है।
बता दें, मैपकॉस्ट की यह पहल पिछले 16 वर्षों से मिशन एक्सीलेंस के अंतर्गत चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के स्कूलों से वैज्ञानिक प्रतिभाओं की खोज कर उन्हें वैज्ञानिक वातावरण से परिचित कराना है। यह कार्यक्रम न सिर्फ किताबी ज्ञान से परे जाकर विद्यार्थियों को प्रयोगशाला और अनुसंधान की दुनिया से जोड़ता है, बल्कि उनमें विज्ञान के प्रति एक गहरी रुचि भी पैदा करता है।