छिंदवाड़ा के पर्वतारोही आदर्श शर्मा ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और वीर सैनिकों को किया समर्पित

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

छिंदवाड़ा जिले के 23 वर्षीय युवा पर्वतारोही आदर्श शर्मा ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (ऊंचाई 19,341 फीट / 5,895 मीटर) पर तिरंगा लहराकर मध्यप्रदेश और देश का गौरव बढ़ा दिया। यह उपलब्धि उन्होंने न सिर्फ व्यक्तिगत सफलता के रूप में हासिल की, बल्कि इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत के वीर सैनिकों को समर्पित किया।

आदर्श शर्मा मूल रूप से छिंदवाड़ा जिले के चौरई तहसील के गुरैया ग्राम के निवासी हैं। उनके पिता कमल कृष्ण शर्मा शासकीय शिक्षक हैं और माता रजनी शर्मा गृहिणी हैं। एक छोटे से गांव से निकलकर अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी तक का सफर उनके संघर्ष, अनुशासन और अथक मेहनत का प्रमाण है।

कठिन परिस्थितियों में किया विजय प्राप्त

आदर्श ने 14 अगस्त की रात चढ़ाई शुरू की। इस दौरान उन्हें बर्फीली हवाओं, शून्य से कई डिग्री नीचे तापमान और कम ऑक्सीजन जैसी कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 15 अगस्त की सुबह ठीक 6 बजे शिखर पर पहुंचकर तिरंगा लहराया। इस पल को उन्होंने फोटो और वीडियो के माध्यम से कैद किया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

माउंट किलिमंजारो, जिसे ‘अफ्रीका की छत’ भी कहा जाता है, पर्वतारोहियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य माना जाता है। समुद्र तल से 5,895 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह पर्वत, अत्यधिक ठंड, पतली हवा और ऊबड़-खाबड़ रास्तों के कारण बेहद कठिन है।

प्रदेश के दूसरे पर्वतारोही की ऐतिहासिक उपलब्धि

मध्यप्रदेश के पर्वतारोहियों की सफलता की यह पहली कहानी नहीं है। सतना जिले के रत्नेश पांडेय ने भी जुलाई 2021 में एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने मात्र 8 दिनों में 14,980 फीट ऊंचे माउंट मेरु और 19,340 फीट ऊंचे माउंट किलिमंजारो, दोनों को फतह कर दिखाया था। रत्नेश की यह सफलता भी प्रदेश में पर्वतारोहण के क्षेत्र में मील का पत्थर मानी जाती है।

युवाओं के लिए प्रेरणा

आदर्श शर्मा की यह उपलब्धि न केवल छिंदवाड़ा, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है। कठिनाइयों के बीच उनका साहस, संकल्प और देशप्रेम युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। वे इस उपलब्धि को भारतीय सेना के शौर्य और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जांबाजों को समर्पित करते हुए कहते हैं— “अगर दिल में जुनून और देश के लिए कुछ करने की लगन हो, तो दुनिया की कोई भी ऊंचाई आपको रोक नहीं सकती।”

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