चारधाम यात्रा 2025: कल यानि की 30 अप्रैल से होगी शुरू, आज मां गंगा की डोली मुखबा गांव से गंगोत्री के लिए होगी रवाना; VIP दर्शन पर एक महीने की रोक

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी खबर है – बहुप्रतीक्षित चारधाम यात्रा 2025 मंगलवार, 30 अप्रैल से विधिवत शुरू हो रही है और यह यात्रा 6 नवंबर तक चलेगी। आस्था, भक्ति और विश्वास का प्रतीक यह यात्रा हर साल लाखों लोगों को उत्तराखंड के पर्वतीय धामों – केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री – की ओर खींच लाती है। इस साल यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ होगी। इससे पहले 29 अप्रैल को मां गंगा की डोली मुखबा गांव से गंगोत्री के लिए रवाना हो गई है, जो भैरो घाटी में विश्राम के बाद 30 अप्रैल को सुबह 9 बजे गंगोत्री धाम पहुंचेगी।

अब तक 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालु ऑनलाइन पंजीकरण कर चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। उत्तराखंड सरकार ने इस बार यात्रा की भीड़ और अव्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। यात्रा के पहले एक महीने तक VIP दर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, ताकि आम श्रद्धालुओं को दर्शन में किसी प्रकार की असुविधा ना हो।

चारधाम यात्रा का पूरा कैलेंडर भी जारी कर दिया गया है –

  • 30 अप्रैल: सुबह 10:30 बजे गंगोत्री के कपाट खुलेंगे (22 अक्टूबर को बंद होंगे)

  • 30 अप्रैल: सुबह 11:55 बजे यमुनोत्री के कपाट खुलेंगे (23 अक्टूबर को बंद होंगे)

  • 2 मई: सुबह 7:00 बजे केदारनाथ के कपाट खुलेंगे (23 अक्टूबर को बंद होंगे)

  • 4 मई: सुबह 6:00 बजे बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे (6 नवंबर को बंद होंगे)

उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए इस बार कई नए दिशा-निर्देश और नियम लागू किए हैं। खासतौर पर पर्वतीय रास्तों पर रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक व्यावसायिक वाहनों के संचालन पर रोक लगाई गई है। ड्राइवरों को फिटनेस सर्टिफिकेट, प्रदूषण जांच प्रमाण-पत्र और विशेष प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र साथ रखना अनिवार्य किया गया है। साथ ही उन्हें चप्पल या सैंडल की जगह मजबूत ट्रैकिंग शूज पहनने, शिष्टाचार बनाए रखने और नशे से दूर रहने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले अपना पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराएं, जो registrationandtouristcare.uk.gov.in वेबसाइट पर किया जा सकता है। जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है, उनके लिए हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में ऑफलाइन पंजीकरण केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। पंजीकरण के समय आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और स्वास्थ्य से जुड़े दस्तावेज जरूरी होंगे।

अब बात करते हैं खर्च की – यात्रा में कितना खर्च आएगा, यह यात्रियों की सुविधा और साधनों पर निर्भर करेगा।

  • यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा और रुकने का खर्च औसतन ₹12,000 तक हो सकता है।

  • केदारनाथ की यात्रा का खर्च ₹15,000 तक पहुंच सकता है।

  • बद्रीनाथ की यात्रा भी ₹12,000 के करीब पड़ेगी।

  • यदि आप हेलीकॉप्टर सेवा लेते हैं, तो पूरा खर्च ₹2.5 लाख तक हो सकता है।

सरकार और स्थानीय प्रशासन सड़क मरम्मत, स्वास्थ्य सुविधाओं और ठहरने की व्यवस्थाओं को लेकर तेजी से काम कर रहे हैं। साथ ही, मौसम की जानकारी लेते रहने और यात्रा की संपूर्ण योजना बनाकर निकलने की अपील की गई है।

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