जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
जबलपुर में एक स्कूल संचालक के व्हाट्सएप स्टेटस पर भगवान राम को लेकर की गई टिप्पणी ने शहर में बवाल खड़ा कर दिया। जैसे ही यह स्टेटस हिंदूवादी संगठनों तक पहुंचा, गुस्साए कार्यकर्ताओं ने स्कूल में घुसकर जमकर हंगामा किया। पोस्टर फाड़े गए, स्कूल की खिड़कियों के कांच तोड़ दिए गए, और दीवारों पर कालिख पोतकर विरोध जताया गया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने कीचड़ से भरी पॉलिथीन भी स्कूल के अंदर फेंकी, जिसे मौके पर मौजूद पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक माहौल बिगड़ चुका था।
धर्मांतरण की आशंका से भड़का विवाद, थाने में ईसाई धर्मगुरु की पिटाई
इस पूरे मामले की जड़ सोमवार को हुई एक घटना में छिपी थी। दरअसल, हिंदूवादी संगठनों ने मंडला से भंवरताल पार्क आईं कुछ महिलाओं और बच्चों को धर्मांतरण की आशंका में रोक लिया और उन्हें जबरन बस में बैठाकर वापस भेजने लगे। विवाद तब और बढ़ गया जब कुछ कार्यकर्ताओं ने रांझी के पास बस को रोककर यात्रियों को नीचे उतार दिया और उन्हें थाने ले गए। यहां करीब तीन घंटे तक हंगामा चलता रहा।
इसके बाद जब इस मामले पर चर्चा करने के लिए ईसाई धर्मगुरु फादर जॉर्ज डेविस पहुंचे, तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट कर दी। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे दोनों पक्षों के बीच तनाव और बढ़ गया।
स्कूल संचालक के स्टेटस ने आग में घी डाला
इस घटना के बाद, जबलपुर के एक निजी स्कूल के संचालक अखिलेश मेबन ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर थाने में हुए हंगामे का वीडियो डालते हुए भगवान राम को लेकर एक विवादित टिप्पणी कर दी। यह पोस्ट तेजी से सोशल मीडिया पर फैल गई और हिंदू संगठनों को उकसा दिया।
हिंदू संगठन के कार्यकर्ता संजय तिवारी ने कहा, “स्कूल संचालक ने भगवान राम के खिलाफ अपशब्द कहे हैं। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। जब तक उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं होती, हमारा विरोध जारी रहेगा।”
तीन घंटे तक स्कूल में हंगामा, पुलिस को देना पड़ा कार्रवाई का आश्वासन
गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने स्कूल में घुसकर जमकर नारेबाजी की, तोड़फोड़ की, और दीवारों पर कालिख पोती। पुलिस और स्कूल प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वे कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। तीन घंटे के हंगामे के बाद, पुलिस ने स्कूल संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन शांत हुआ।
विजयनगर थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह पवार ने कहा, “स्कूल संचालक अखिलेश मेबन ने भगवान राम पर टिप्पणी करते हुए व्हाट्सएप स्टेटस लगाया था। इसी के विरोध में हिंदू संगठन प्रदर्शन कर रहे थे। सभी को समझाइश दी गई है, और जल्द ही स्कूल संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
ईसाई समुदाय ने एसपी ऑफिस का घेराव किया
उधर, हिंदू संगठनों के विरोध के जवाब में ईसाई समुदाय के लोगों ने भी एसपी ऑफिस का घेराव कर दिया। उनका आरोप था कि थाने में फादर जॉर्ज डेविस के साथ मारपीट करने वाले आरोपियों को पुलिस ने अब तक गिरफ्तार नहीं किया है।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे भी उग्र आंदोलन करेंगे। दो घंटे तक चले इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस की अतिरिक्त फोर्स तैनात करनी पड़ी। ओमती, सिविल लाइन और बेलबाग थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की।