CBSE 12वीं का रिजल्ट जारी, लड़कियां फिर रहीं अव्वल; कुल 88.39% छात्र हुए पास !

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 12वीं बोर्ड परीक्षा 2024 का रिजल्ट घोषित कर दिया है, जिसमें इस बार देशभर के 88.39% स्टूडेंट्स ने सफलता हासिल की है। हालांकि, रिजल्ट के आंकड़ों में मध्यप्रदेश की स्थिति फिर से चौंकाने वाली और निराशाजनक नजर आई। एमपी का कुल पास प्रतिशत केवल 82.46% रहा, जो राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है। राज्य में करीब 78 हजार छात्रों ने परीक्षा दी थी, लेकिन प्रदर्शन इस बार भी पड़ोसी राज्यों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से पीछे रहा।

बोर्ड ने रिजल्ट देखने के लिए छात्रों को कई डिजिटल विकल्प दिए हैं। छात्र cbse.gov.in, results.cbse.nic.in पर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं। इसके अलावा, DigiLocker, UMANG ऐप और SMS सेवा के ज़रिए भी मार्कशीट देखी जा सकती है। हालांकि, यह केवल अस्थायी होती है, जबकि मूल मार्कशीट छात्रों को अपने स्कूल से ही प्राप्त करनी होगी।

बता दें, इस बार की परीक्षा में लड़कियों ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करते हुए लड़कों को पीछे छोड़ दिया। जहां लड़कों का पास प्रतिशत अपेक्षाकृत कम रहा, वहीं लड़कियों का रिजल्ट 91% से भी अधिक रहा, जो लड़कों से 5.94% ज़्यादा है।

सीबीएसई 12वीं की परीक्षाएं इस साल 15 फरवरी से शुरू हुई थीं। मध्यप्रदेश में 493 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जिनमें से 36 अकेले भोपाल में थे। इस साल पहली बार बोर्ड ने परीक्षा की डेटशीट परीक्षा से 86 दिन पहले ही जारी कर दी थी, जो एक रिकॉर्ड है। इसके पीछे का कारण स्कूलों द्वारा समय रहते LOC (List of Candidates) जमा कर देना रहा, जिससे बोर्ड को बेहतर प्लानिंग का समय मिल पाया।

पिछले साल की तरह इस बार भी मध्यप्रदेश का प्रदर्शन औसत से नीचे रहा। 2024 में राज्य के 82.46% छात्र ही 12वीं की परीक्षा में पास हो सके, जिससे यह साफ हो गया कि शिक्षा के क्षेत्र में एमपी को गंभीर सुधार की जरूरत है। 10वीं के नतीजों में भी स्थिति कुछ बेहतर नहीं रही – राज्य 38 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30वें स्थान पर रहा। भोपाल रीजन का 10वीं में पास प्रतिशत 90.58% रहा, जो देशभर में 15वें नंबर पर था। इसके मुकाबले त्रिवेंद्रम रीजन 99.75% के साथ टॉप पर रहा। वहीं, सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि वह मेरिट लिस्ट या टॉपरों की घोषणा नहीं करता। बोर्ड ने सभी स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे किसी भी छात्र को स्कूल या जिले का टॉपर घोषित करें। बोर्ड का उद्देश्य छात्रों के बीच अनावश्यक प्रतिस्पर्धा को रोकना और सभी को समान महत्व देना है।

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