जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
इंदौर के तेजाजी नगर थाने में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के भाई भरत पटवारी, नाना पटवारी और जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव के खिलाफ गंभीर धाराओं में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। 74 वर्षीय बुजुर्ग नरेंद्र मेहता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4), 336, 337, 338, 339 और 340 के तहत केस दर्ज किया है। इन धाराओं में संपत्ति हड़पने, धमकी देने, कूट रचना करने और जान से मारने की धमकी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
नरेंद्र मेहता ने पुलिस को बताया कि उनके पूर्वजों की जमीन, जो ग्राम उमरी खेड़ी में सर्वे नंबर 1, 2, 3 और 4 के अंतर्गत आती है, पर 29 मार्च 2025 को जबरिया कब्जा कर लिया गया। इस जमीन का क्षेत्रफल करीब 6.5 एकड़ है। आरोप है कि सदाशिव यादव 15-20 लोगों को साथ लेकर आए, उन्हें धमकाया और जबरन जमीन से निकाल दिया गया। इसके बाद वहां कॉलोनी डेवलप करने का काम शुरू कर दिया गया, जिसका विज्ञापन सोशल मीडिया पर खुलेआम किया जा रहा है।
नरेंद्र मेहता के अनुसार, यह जमीन 1939 में होलकर रियासत द्वारा नारायण पलसीकर को इनाम में दी गई थी, जिसे 1950 में उनके पिता नवरतनमल जैन ने वैध रूप से खरीदा था। सौदे के तहत ऋणों का निपटारा भी किया गया था और तभी से परिवार का इस जमीन पर वैध अधिकार बना हुआ है। राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में भी भूमि का स्वामित्व नवरतनमल जैन के नाम दर्ज है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपियों ने इस जमीन पर फर्जी दस्तावेज तैयार करवा लिए हैं। राजस्व रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर, जैन के नाम पर लगी मूल पर्ची को छुपाकर, सदाशिव यादव का नाम लिखवा दिया गया है। यह न केवल एक कानूनी अपराध है, बल्कि यह एक सुनियोजित जमीन घोटाले की तरफ इशारा करता है, जिसमें प्रभावशाली राजनीतिक नामों का इस्तेमाल कर पूरा सिस्टम झुकाने की कोशिश की जा रही है।
मेहता ने यह भी बताया कि जब वह अपनी जमीन पर दोबारा गए, तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। आरोपियों ने उनसे पैसे की मांग भी की और जब उन्होंने पुलिस में शिकायत की बात कही, तो उन्हें चुप रहने को कहा गया। इसके अलावा आरोपियों ने वहां एक कमरे का निर्माण भी कर लिया है और जमीन बेचने का सोशल मीडिया पर जमकर प्रचार कर रहे हैं, जो कि संपत्ति विवादित होने के बावजूद एक आपराधिक हरकत मानी जा सकती है।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मेहता ने राजस्व अधिकारियों से भी शिकायत दर्ज कराई है और इस पूरे फर्जीवाड़े की निष्पक्ष जांच की मांग की है। अब देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है, और क्या इन राजनीतिक रसूखदारों पर कानून का शिकंजा कसता है या नहीं।