जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। यह बैठक मंत्रालय में राष्ट्रीय गीत “वन्दे मातरम्” गायन के साथ प्रारंभ हुई। इस बैठक में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, प्रयागराज महाकुंभ 2025 में जा रही भीड़ को नियंत्रित करने और नई निवेश एवं पर्यटन नीतियों पर मुहर लगाई गई।
मध्य प्रदेश सरकार ने इस बैठक में नई फिल्म नीति, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति, खिलौना उद्योग नीति, रक्षा उत्पादन प्रोत्साहन नीति, मेडिकल डिवाइस, इलेक्ट्रिकल व्हीकल, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन नीति, लॉजिस्टिक पार्क नीति और पंप स्टोरेज नीति को मंजूरी दी है।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर गहन चर्चा की गई। बता दें, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 22 और 23 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट देश-विदेश के उद्योगपतियों और निवेशकों के लिए एक बड़ा मंच बनने जा रही है। इस समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसके अलावा, पीएम मोदी 23 फरवरी को छतरपुर के बागेश्वर धाम में बनने वाले कैंसर अस्पताल का भूमिपूजन करेंगे और भोपाल में रात्रि विश्राम करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सूचित किया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन समारोह में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति की स्वीकृति मिल गई है। इसके अतिरिक्त, समिट के आयोजन के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें दो उपमुख्यमंत्री, भोपाल के प्रभारी मंत्री, स्थायी विधायक और मेयर भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने महाकुंभ मार्ग पर वाहनों के जाम के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक है। रीवा की दिशा में प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए रीवा, मैहर, सतना, मऊगंज और सीधी में ठहरने, भोजन और छोटे बच्चों के लिए दूध-बिस्किट जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही शासकीय संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से व्यवस्था की जा रही है। एम्बुलेंस और चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। वाहनों की पार्किंग, पुलिस की हाईवे पेट्रोलिंग और कार्यकारी मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। प्रयागराज में आने-जाने वाले लोगों की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए मार्गों को डायवर्ट किया जा रहा है और प्रयागराज प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर वहां से आने वाले लोगों की संख्या का अनुमान लगाकर व्यवस्था की जा रही है। महाराष्ट्र सीमा पर भी श्रद्धालुओं और वाहनों के आवागमन का प्रबंधन किया जा रहा है।