मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक सम्पन्न: 5 जिलों में खुलेंगे नए आयुर्वेदिक कॉलेज और वेलनेस सेंटर, 1570 पदों की मंजूरी; भोपाल में बनेगा वर्ल्ड-क्लास इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में प्रदेश के औद्योगिक, चिकित्सा, शिक्षा और सामाजिक ढांचे को मजबूत करने वाले कई बड़े निर्णय लिए गए।

भोपाल में बनेगा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर

मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स (EMC) 2.0 परियोजना के अंतर्गत भोपाल जिले की बैरसिया तहसील के ग्राम बांदीखेड़ी में विश्वस्तरीय इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC) स्थापित करने का निर्णय लिया।
यह क्लस्टर 210.21 एकड़ भूमि पर बनेगा और परियोजना लागत 371.95 करोड़ रुपए होगी। इसमें से 146.63 करोड़ रुपए केंद्रांश और 225.32 करोड़ रुपए राज्यांश रहेगा।
इस प्रोजेक्ट से प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग (ESDM) क्षेत्र को बढ़ावा, नए निवेश को प्रोत्साहन, रोजगार में वृद्धि और कर राजस्व में इजाफा होगा। साथ ही, यह पहल डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया मिशन को गति देगी।

पांच नए आयुर्वेद महाविद्यालयों को स्वीकृति

बैठक में नर्मदापुरम, मुरैना, बालाघाट, शहडोल और सागर में पांच नए शासकीय आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय एवं वेलनेस सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 1,570 पदों की स्वीकृति दी गई है, जिनमें 715 नियमित पद और 855 आउटसोर्स पद शामिल हैं।
इन कॉलेजों में 100 बिस्तरों वाला चिकित्सालय, छात्रावास, फार्मेसी और आवासीय भवन भी बनाए जाएंगे। प्रत्येक कॉलेज पर लगभग 70 करोड़ रुपए का व्यय राष्ट्रीय आयुष मिशन से किया जाएगा।

गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में नया एंडोक्राइनोलॉजी विभाग

कैबिनेट ने गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में एंडोक्राइनोलॉजी विभाग की स्थापना का भी निर्णय लिया। इसके लिए 20 नए पदों का सृजन किया जाएगा, जिनमें प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, सीनियर-जूनियर रेजिडेंट, नर्सिंग ऑफिसर और डाइटीशियन शामिल होंगे।
इससे राज्य में हार्मोन संबंधी बीमारियों के निदान और उपचार में विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध होंगी और सुपर स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूती मिलेगी। साथ ही, चिकित्सा शिक्षा व रिसर्च को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

जनजातीय छात्रावासों में 12 माह की छात्रवृत्ति

बैठक में जनजातीय कार्य विभाग के अधीन संचालित महाविद्यालयीन छात्रावासों में अब तक 10 माह की जगह 12 माह की छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया गया। छात्रावास में उपस्थिति के आधार पर छात्रों को 1650 रुपए प्रतिमाह और छात्राओं को 1700 रुपए प्रतिमाह की राशि मिलेगी।

नए अवकाश नियम 2025 को मंजूरी

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 को स्वीकृति दी। इसमें कई प्रगतिशील प्रावधान शामिल किए गए हैं —

  • सरोगेट / कमीशनिंग माताओं को प्रसूति अवकाश मिलेगा।

  • शैक्षणिक संवर्ग को 10 दिन अर्जित अवकाश की पात्रता।

  • दत्तक संतान ग्रहण करने पर 15 दिन का पितृत्व अवकाश।

  • एकल पुरुष को भी संतान पालन अवकाश की सुविधा।

  • अर्जित अवकाश की अधिकतम सीमा 120 से बढ़ाकर 180 दिन।

  • दिव्यांग और गंभीर बीमार कर्मचारियों के अवकाश आवेदन परिवारजन भी कर सकेंगे।
    नियम लागू होने से शासन पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ नगण्य होगा।

नगरीय निकायों में “गीता भवन” स्थापना योजना

मंत्रि-परिषद ने नगरीय निकायों में गीता भवन स्थापना योजना को मंजूरी दी। अगले पांच वर्षों में (2025-26 से 2029-30) यह भवन बनाए जाएंगे, जो साहित्यिक, सांस्कृतिक और वैचारिक गतिविधियों के केंद्र होंगे। गीता भवन राज्य वित्त पोषण और PPP मॉडल पर तैयार किए जाएंगे।

मुरैना शुगर फैक्ट्री MSME विभाग को हस्तांतरित

कैबिनेट ने मुरैना जिले की कैलारस सहकारी शक्कर कारखाना को MSME विभाग को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया। यह कारखाना 2008-09 से बंद है और उस पर 54.81 करोड़ रुपए की देनदारियां हैं। शासन MSME विभाग के माध्यम से लगभग 61 करोड़ रुपए प्रदान करेगा, जिससे किसानों और कर्मचारियों का भुगतान हो सके। कारखाने की भूमि MSME विभाग को रोजगार-आधारित उद्योगों के विकास के लिए दी जाएगी, जबकि प्लांट और मशीनरी को पारदर्शी प्रक्रिया से बेचा जाएगा।

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