नीमच में जैन मुनियों पर दरिंदों ने किया हमला: मंदिर में घुसकर लाठियों से पीटा, कपड़े फाड़े, सिर फोड़ा; राजस्थान के 6 आरोपी गिरफ्तार

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश के नीमच जिले में रविवार रात एक ऐसी खौफनाक घटना घटी जिसने पूरे जैन समाज को झकझोर कर रख दिया। सिंगोली थाना क्षेत्र के कछाला गांव में स्थित एक शांतिपूर्ण हनुमान मंदिर उस समय दहशत का अड्डा बन गया, जब 6 बदमाशों ने लाठी और धारदार हथियार लेकर तीन जैन मुनियों पर जानलेवा हमला कर दिया।

जैन मुनि शैलेष जी मुनिराज, बलभद्र मुनि जी और मुनींद्र मुनि जी विहार पर निकले थे और रात के विश्राम के लिए कछाला गांव के इस मंदिर में रुके थे। लेकिन कौन जानता था कि उनके शांत प्रवास को कुछ असामाजिक तत्व ऐसा खूनी मोड़ दे देंगे। रात करीब 12 बजे तीन बाइक पर सवार छह हमलावर मंदिर पहुंचे। पहले तो उन्होंने मंदिर के सामने ही बैठकर खुलेआम शराब पी — और फिर जैसे ही नज़र पड़ी सफेद वस्त्रधारी संतों पर, बदनीयती जाग उठी।

शराब के नशे में धुत दरिंदों ने पहले रुपए मांगने का बहाना बनाया। जैन मुनियों द्वारा मना करने पर उन्होंने अचानक लाठियों और हथियारों से हमला कर दिया। संतों के वस्त्र फाड़ दिए, सिर पर वार किया, बुरी तरह से मारपीट की। एक मुनि जान बचाकर सड़क की ओर भागे और एक राहगीर से मदद की गुहार लगाई। सौभाग्य से उस बाइक सवार ने तत्काल जैन समाज के लोगों को फोन किया और थोड़ी ही देर में गांववाले वहां पहुंच गए। चार बदमाश भाग निकले, लेकिन दो को लोगों ने मौके पर ही पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया।

घटना की खबर फैलते ही जैन समाज में आक्रोश की लहर दौड़ गई। सिंगोली अस्पताल ले जाए गए घायल मुनियों ने अपनी परंपरा के तहत रात में इलाज लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने न तो दवा ली, न ही इंजेक्शन लगवाया। सुबह होते ही उन्हें जैन स्थानक भवन में रखा गया और वहीं प्राथमिक इलाज शुरू हुआ।

इस बर्बर घटना पर प्रशासन और राजनीतिक गलियारों में भी हड़कंप मच गया। खुद नीमच एसपी अंकित जायसवाल रात में ही मौके पर पहुंचे। सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया गया कि ये सभी आरोपी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के रहने वाले हैं और असामाजिक गतिविधियों में लिप्त हैं।

घटना को लेकर क्षेत्रीय विधायक ओमप्रकाश सखलेचा, कलेक्टर हिमांशु चंद्र और एसडीओपी निकिता सिंह ने भी मौके पर पहुंचकर मुनियों का हालचाल जाना। विधायक सखलेचा ने इसे अहिंसा और मानवीय मूल्यों पर हमला बताया और कहा कि दोषियों पर त्वरित और कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

भाजपा प्रवक्ता आशीष अग्रवाल और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सोशल मीडिया पर घटना की निंदा की। जहां भाजपा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव की “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” के तहत कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया, वहीं कमलनाथ ने सवाल खड़ा किया कि जब संत भी इस प्रदेश में सुरक्षित नहीं, तो आम नागरिक की सुरक्षा कौन करेगा?

वहीं कछाला गांव के ग्रामीणों ने भी इस जघन्य हमले पर सख्त विरोध जताया। सिंगोली थाना पहुंचकर उन्होंने प्रदर्शन किया और कहा कि कुछ दरिंदों की वजह से गांव की छवि खराब हो रही है। गांववाले दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलवाने की मांग कर रहे हैं।

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