जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
बेंगलुरु से महज 30 किलोमीटर दूर बसे एक निजी रिहैबिलिटेशन सेंटर से ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। जहां एक ओर ऐसे केंद्रों को मानसिक और नशा पीड़ित लोगों के लिए आश्रयस्थली माना जाता है, वहीं दूसरी ओर इस रिहैब सेंटर ने इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला चेहरा दिखाया।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक मरीज को कोने में ले जाकर दो युवकों द्वारा डंडों से बेरहमी से पीटा जा रहा है। मारपीट की वजह? सिर्फ़ इतनी कि उसने वॉर्डन के कपड़े धोने और टॉयलेट साफ़ करने से इनकार कर दिया था। CCTV फुटेज में साफ दिखता है कि एक युवक पहले मरीज को बुरी तरह पीटता है और फिर दूसरा भी डंडा लेकर उस पर टूट पड़ता है। वहीं पास में खड़े अन्य लोग तमाशा देख रहे होते हैं, कोई रोकने की कोशिश तक नहीं करता।
पुलिस का कहना है कि यह घटना कुछ समय पहले की है, लेकिन वीडियो अब सामने आया है। वीडियो वायरल होते ही पुलिस हरकत में आई और सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट सहित भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। बेंगलुरु ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक सी.के. बाबा ने पुष्टि की कि यह मामला नेलमंगला रूरल पुलिस थाने के अंतर्गत आता है और केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
जैसे ही पुलिस ने इस सेंटर की जांच शुरू की, वहां से और भी चौंकाने वाली जानकारियाँ सामने आने लगीं। पुलिस को सेंटर के अंदर मनाए गए एक जन्मदिन की तस्वीरें मिलीं, जिसमें आरोपी खंजर से केक काटते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह दृश्य न सिर्फ कानून का मज़ाक उड़ाता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि इस सेंटर में किस हद तक अनुशासनहीनता और भय का माहौल था।
घटना सामने आने के बाद आम जनता में भारी आक्रोश है। लोग सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस प्रकार के फर्जी और अमानवीय रिहैब सेंटर्स पर तत्काल सख्त कार्रवाई हो और इनकी निगरानी के लिए एक स्वतंत्र प्रणाली बनाई जाए।