जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारतीय क्रिकेट की दुनिया में एक नया सितारा तेजी से उभर रहा है—वैभव सूर्यवंशी, जिसने महज 14 साल और 23 दिन की उम्र में IPL डेब्यू कर इतिहास रच दिया। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटना एयरपोर्ट पर इसी होनहार खिलाड़ी से मुलाकात की, जब वे दो दिवसीय बिहार दौरे के बाद दिल्ली लौट रहे थे। यह मुलाकात पूरी तरह निजी रही, जिसमें वैभव ने प्रधानमंत्री के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। इस भावुक क्षण के दौरान वैभव के माता-पिता भी मौजूद थे। पीएम ने इस परिवार के साथ करीब 10 मिनट तक समय बिताया, हालांकि इस बातचीत का ब्यौरा सामने नहीं आया है।
क्रिकेट में इतिहास रचने वाला बाल खिलाड़ी
वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने 19 अप्रैल 2025 को राजस्थान रॉयल्स की ओर से लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ IPL में डेब्यू किया, अब IPL के सबसे कम उम्र में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड प्रयास रे बर्मन के नाम था, जिन्होंने 16 साल 157 दिन की उम्र में डेब्यू किया था। लेकिन वैभव ने इस रिकॉर्ड को करीब 2 साल पहले ही तोड़ दिया। अपने डेब्यू मैच में उन्होंने 20 गेंदों में तीन छक्कों के साथ 34 रन बनाकर सभी को चौंका दिया।
IPL 2025 में वैभव का धमाकेदार प्रदर्शन
वैभव के लिए यह सीजन किसी सपने से कम नहीं रहा। उन्होंने 7 मुकाबलों में 252 रन बनाए, जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल है। उनका एवरेज 36 और स्ट्राइक रेट 206.55 रहा, जो किसी सीनियर खिलाड़ी के लिए भी गर्व की बात होती। 28 अप्रैल को गुजरात टाइटंस के खिलाफ वैभव ने सिर्फ 35 गेंदों में शतक लगाकर IPL इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक जड़ा। उनसे पहले यह रिकॉर्ड क्रिस गेल के नाम था, जिन्होंने 2013 में 30 गेंदों में शतक बनाया था। वैभव अब IPL में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय खिलाड़ी बन चुके हैं, इस मामले में उन्होंने यूसुफ पठान (37 गेंदों का शतक, 2010) को पीछे छोड़ा है।
इतना ही नहीं, वैभव ने 20 मई को CSK के खिलाफ अर्धशतक जमाकर IPL में फिफ्टी लगाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी का खिताब भी हासिल किया। इससे पहले यह रिकॉर्ड रियान पराग के पास था, जिन्होंने 17 साल 175 दिन की उम्र में 2019 में फिफ्टी लगाई थी।
जमीन बेचकर बेटे का सपना संजोया
इस महान उपलब्धि के पीछे एक पिता की कुर्बानी और जुनून की प्रेरणादायक कहानी छिपी है। वैभव बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर के रहने वाले हैं। उनके पिता संजीव कुमार, जिन्होंने बेटे का क्रिकेट में जुनून देखा तो उसे मुकाम तक पहुंचाने के लिए अपनी जमीन बेच दी। 9 साल की उम्र में वैभव ने जेनिथ क्रिकेट एकेडमी, समस्तीपुर से ट्रेनिंग शुरू की।
वैभव के कोच बताते हैं कि उनके पिता हर दूसरे दिन 100 किमी दूर जाकर बेटे को मैच दिखाने ले जाते थे। वैभव की एक्स्ट्रा ट्रेनिंग के समय संजीव सभी 10 खिलाड़ियों के लिए टिफिन लेकर आते थे, ताकि कोई भी साथी बॉलिंग देने से मना न करे और बेटे को बेस्ट प्रैक्टिस मिले। ये सिर्फ क्रिकेट की ट्रेनिंग नहीं, संस्कार और समर्पण की पाठशाला थी, जो वैभव को असाधारण बनाती है।
बता दें, वैभव ने बिहार की ओर से 5 फर्स्ट क्लास और 6 लिस्ट-ए मैच खेले हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 100 रन, जबकि लिस्ट-ए में 132 रन बनाए हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि वैभव अब घरेलू क्रिकेट में भी खुद को स्थापित कर रहे हैं और IPL की चमक के बाद लंबे फॉर्मेट में भी अपने खेल को निखारना चाहते हैं।