जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
जबलपुर में शनिवार रात दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के मंडल मंत्री पवन शर्मा ने तिलवारा थाना पुलिस पर थाने के भीतर बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगाया है। पवन का दावा है कि पुलिस की बर्बरता से उनके हाथ और पीठ पर गंभीर चोटें आई हैं, जबकि एक कंधा पूरी तरह टूट चुका है। दूसरी ओर, तिलवारा थाना प्रभारी ब्रजेश मिश्रा ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिससे पूरा मामला और भी विवादास्पद बन गया है।
संगम कॉलोनी निवासी पवन शर्मा ने बताया कि वे अपने दोस्त के साथ नर्मदा दर्शन के लिए तिलवारा घाट जा रहे थे। रास्ते में पुलिस वाहन चेकिंग कर रही थी। पुलिस द्वारा रोके जाने पर पवन ने पूरी विनम्रता से अपना परिचय दिया और चालान बनाने की बात कही, लेकिन इसके बावजूद पुलिसकर्मियों ने बदसलूकी शुरू कर दी। पवन का आरोप है कि मामूली विवाद को लेकर पुलिस उन्हें जबरन थाने ले गई और वहां आधे घंटे तक जानवरों की तरह बेरहमी से पीटा गया।
पिटाई के बाद पवन को बुरी हालत में थाने से बाहर निकाल दिया गया। किसी तरह वे विजयनगर थाने पहुंचे और वहां तिलवारा थाना स्टाफ के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। विजयनगर थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह पंवार ने पवन की बिगड़ती हालत देखकर बिना देरी किए उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका मेडिकल परीक्षण हुआ। पवन के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान साफ देखे जा सकते हैं।
घटना के बाद भाजयुमो कार्यकर्ताओं और नेताओं में भारी आक्रोश फैल गया है। भाजयुमो नगर अध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने पुलिस की इस बर्बरता को बेहद निंदनीय बताते हुए ऐलान किया कि वे जल्द ही एसपी से मिलकर दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
वहीं तिलवारा थाना प्रभारी ब्रजेश मिश्रा ने पवन शर्मा के आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि पवन तेज रफ्तार में वाहन चला रहे थे और पुलिस द्वारा रोके जाने पर बदतमीजी पर उतर आए थे। टीआई के अनुसार, पवन वीडियो बनाने लगे थे और जब उन्हें रोका गया, तभी विवाद बढ़ गया। मिश्रा ने कहा कि यदि सच में मारपीट हुई थी तो पवन को उसका वीडियो सबूत पेश करना चाहिए। इसी के साथ पूरा मामला अब राजनीतिक रंग पकड़ता जा रहा है।