जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के गुना ज़िले से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 14 साल के बच्चे की आत्महत्या को पहले हत्या मानते हुए मां पर आरोप मढ़ दिया गया। लेकिन अब, एसआईटी जांच में बड़ा खुलासा हुआ है—ये मामला हत्या नहीं, बल्कि आत्महत्या का था। यह खुलासा न केवल जांच एजेंसियों की जल्दबाज़ी को बेनकाब करता है, बल्कि एक मां के टूटे हुए जीवन की तस्वीर भी सामने लाता है।
14 फरवरी 2025 की शाम, आठवीं कक्षा का छात्र अभ्युदय जैन अपने घर के बाथरूम में टॉवल हैंगर से लटका मिला। दरवाजा अंदर से बंद था। मां अलका जैन उस समय बैडमिंटन खेलने गई थीं। शाम करीब पौने आठ बजे जब वह लौटीं और दरवाजा नहीं खुला, तो उन्होंने मकान मालिक से चाबी लेकर दरवाजा खोला—जहां उन्हें वो दृश्य देखने को मिला जिसे कोई मां कभी नहीं देखना चाहती। उनका बेटा फंदे पर झूल रहा था।
इसके बावजूद, जिला अस्पताल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण गला घोंटना (Strangulation) बताया गया। इसी आधार पर पुलिस ने इसे हत्या मानकर अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया और 22 फरवरी को जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने अलका जैन को संदिग्ध मानते हुए 8 मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि वह लगातार अपनी बेगुनाही की दुहाई देती रहीं।
पति अनुपम जैन ने इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई और 11 बिंदुओं पर डीजीपी को शिकायत भेजी। इसके बाद डीआईजी अमित सांघी के निर्देश पर एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया गया। एसआईटी ने न केवल पुनः जांच की, बल्कि गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल से नई मेडिको-लीगल रिपोर्ट मंगवाई।
नई रिपोर्ट में मौत का कारण “Partial Hanging” यानी फांसी से मौत बताया गया। इसके अलावा, कॉल डिटेल रिकॉर्ड से स्पष्ट हो गया कि अलका जैन घटना के समय लगातार फोन पर थीं, सिर्फ 20 मिनट का एक अंतराल था जिसमें न कॉल आया और न गया—इतने समय में हत्या कर सीन बनाना असंभव था। साथ ही, दरवाजा अंदर से बंद था और चाबी भीतर टेबल पर मिली, जिसका मतलब है कि कोई बाहर से अंदर आया ही नहीं।
एसआईटी की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि अभ्युदय पढ़ाई के तनाव में था। दो विषयों में फेल होने और उसी दिन हिंदी के पेपर में सिर्फ 28 अंक आने से वह मानसिक दबाव में था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि माता-पिता बच्चे से प्यार करते थे, लेकिन पढ़ाई को लेकर चिंतित थे। यही मानसिक तनाव उसकी आत्महत्या की वजह बन सकता है।
अब 57 दिनों से बेटे को खोने का दुःख झेल रही अलका जैन जेल में बंद हैं। लेकिन एसआईटी रिपोर्ट के बाद पुलिस अब इस केस में ‘खारिज रिपोर्ट’ (Closure Report) लगाने की तैयारी कर रही है। गुना एसपी अंकित सोनी ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि रिपोर्ट में अब यह साफ है कि यह आत्महत्या का मामला है, हत्या नहीं।