जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बड़ी घोषणा की है। आने वाले तीन सालों में महंगाई भत्ते (DA) में 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की जाएगी। वर्तमान में राज्य के कर्मचारियों को 7वें वेतनमान पर 55% महंगाई भत्ता मिल रहा है, जिसे 2028-29 तक बढ़ाकर 94% तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। यह निर्णय सरकार की नई रोलिंग बजट प्रणाली के तहत लिया गया है।
मार्च 2026 तक 64% हो जाएगा डीए
वित्त विभाग के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में ही महंगाई भत्ता 9% बढ़ाया जाएगा। इसमें से 4% वृद्धि दिवाली से पहले और शेष 5% फरवरी-मार्च 2026 तक दी जाएगी। इसके बाद कुल महंगाई भत्ता 55% से बढ़कर 64% हो जाएगा।
हर श्रेणी के कर्मचारियों को होगा लाभ
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश के लगभग 7.50 लाख कर्मचारी और अधिकारी इस बढ़ोतरी से लाभान्वित होंगे।
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प्रथम श्रेणी: हर महीने 7,790 से 13,748 रुपए का फायदा होगा। वर्ष 2028-29 तक यह राशि बढ़कर 31,161 से 54,990 रुपए तक पहुंच जाएगी।
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द्वितीय श्रेणी: हर महीने 5,470 से 6,562 रुपए का लाभ होगा। 2028-29 तक यह बढ़कर 21,879 से 26,247 रुपए तक पहुंच जाएगा।
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तृतीय श्रेणी: हर महीने 1,900 से 4,787 रुपए का फायदा होगा। 2028-29 तक यह 7,605 से 19,149 रुपए तक पहुंच जाएगा।
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चतुर्थ श्रेणी: हर महीने 1,511 से 1,755 रुपए का फायदा होगा। 2028-29 तक यह आंकड़ा 6,045 से 7,020 रुपए तक पहुंच जाएगा।
5वें और 6वें वेतनमान वालों को भी लाभ
सिर्फ 7वें वेतनमान ही नहीं, बल्कि 5वें और 6वें वेतनमान वाले कर्मचारियों को भी इसका फायदा मिलेगा।
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6वां वेतनमान: वर्तमान में 252% डीए मिल रहा है। इसे बढ़ाकर 2026-27 में 265%, 2027-28 में 280% और 2028-29 में 295% किया जाएगा।
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5वां वेतनमान: वर्तमान में 315% डीए मिल रहा है। इसे बढ़ाकर 2026-27 में 325%, 2027-28 में 335% और 2028-29 में 345% किया जाएगा।
निगम, मंडल और उपक्रमों में काम करने वाले कर्मचारियों को भी इसी तर्ज पर महंगाई भत्ता दिया जाएगा।
रोलिंग बजट से होगा फायदा
सरकार ने अब रोलिंग बजट की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत विभागों को अगले तीन साल के लिए बजट सीमा तय कर दी गई है। विभागीय अधिकारी इसी सीमा के भीतर इंटरनल बदलाव कर सकेंगे, लेकिन कुल बजट तय सीमा से अधिक नहीं होगा।
रोलिंग बजट की खासियत यह है कि इसमें आर्थिक बदलाव, डिमांड चेन में उतार-चढ़ाव और सामाजिक-आर्थिक आवश्यकताओं के आधार पर बजट को तुरंत एडजस्ट किया जा सकता है। यानी हर योजना के लिए विभागों को यह स्पष्ट करना होगा कि खर्च का उद्देश्य क्या है और उसका असर किस वर्ग पर पड़ेगा।
चुनावी साल से पहले बड़ा फायदा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार की यह योजना कर्मचारियों को सीधे लाभ पहुंचाने वाली है। 2028-29, जब विधानसभा चुनाव होंगे, तब तक कर्मचारियों का डीए 94% तक पहुंच जाएगा। इससे लाखों परिवारों की आय में बड़ी बढ़ोतरी होगी और इसका असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिलेगा।