जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के 307 टन खतरनाक रासायनिक कचरे को नष्ट करने की प्रक्रिया आखिरकार 5 मई 2025 से शुरू हो गई है। यह कार्य कोर्ट के सख्त निर्देश के बाद प्रारंभ किया गया है और इसे पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। हर घंटे लगभग 270 किलोग्राम कचरा जलाया जा रहा है, और यह पूरी प्रक्रिया करीब 55 दिन तक चलेगी।
इस जहर को जलाने की प्रक्रिया रात 8 बजे से शुरू की जाती है ताकि प्रदूषण का प्रभाव कम किया जा सके। इस दौरान निकलने वाली गैसों की ऑनलाइन निगरानी के लिए अत्याधुनिक कंटीन्यूअस मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया गया है, जिसके डेटा को मध्यप्रदेश और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वर पर लाइव देखा जा सकता है। चिमनी से निकलने वाले धुएं में चार मुख्य रासायनिक तत्वों — पार्टिकुलेट मैटर, हाइड्रोजन क्लोराइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड — की मात्रा पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।
आसपास की हवा की गुणवत्ता की निगरानी के लिए तीन जगहों — तारपुरा, चीराखान और बजरंगपुरा — में एयर मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी श्रीनिवास द्विवेदी के अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया बेहद संवेदनशील है, इसलिए कचरे के निष्पादन का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। ट्रायल रन के बाद अब कंपनी के इंसिलेटर को ऑटोमैटिक प्रणाली से लैस किया गया है ताकि मानव त्रुटि की कोई संभावना न रहे। सुरक्षा को लेकर भी प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। कंपनी परिसर में 24 घंटे सशस्त्र सुरक्षा बल तैनात रहेंगे, और पुलिस वाहन नियमित गश्त करेंगे।