जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारत और पाकिस्तान के बीच भले ही सीजफायर की घोषणा हो चुकी हो, लेकिन ज़मीन पर हालात अब भी बेहद तनावपूर्ण हैं। जम्मू-कश्मीर के शोपियां ज़िले के केलर इलाके में सुरक्षा बलों ने बुधवार को लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की और भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद किया। यह वही इलाका है जहां 13 मई को हुई मुठभेड़ में लश्कर के तीन खूंखार आतंकवादी ढेर किए गए थे। इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन केलर’ नाम दिया गया था। ये सब उस बड़ी सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हो रहा है, जिसकी शुरुआत 7 मई को हुई थी। तब से अब तक 6 भारतीय सैनिक और 2 बीएसएफ जवान शहीद हो चुके हैं, जबकि 59 जवान घायल हैं और 28 आम नागरिकों की भी जान चली गई है।
उधर, सीजफायर के बाद धार्मिक यात्राओं का सिलसिला भी फिर से शुरू हो गया है। श्रीनगर से बुधवार सुबह हज यात्रियों का दूसरा जत्था सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का के लिए रवाना हुआ। इससे पहले 4 मई को पहला जत्था गया था। लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की वजह से 7 और 12 मई को हज पर जाने वाली सात फ्लाइट्स को रद्द कर दिया गया था। अब हालात सामान्य होने पर उड़ानें दोबारा शुरू की गई हैं। श्रीनगर एयरपोर्ट पर मंगलवार से फ्लाइट ऑपरेशन बहाल हो गए हैं। इसी तरह पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर भी कतर एयरवेज की पहली इंटरनेशनल फ्लाइट मंगलवार-बुधवार की रात लैंड हुई। इंडिगो ने भी पंजाब के लिए नई उड़ानों की घोषणा कर दी है।
वहीं, इसी बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है—पाकिस्तान की कैद से बीएसएफ जवान कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ की वतन वापसी हो गई है। बुधवार सुबह 10:30 बजे वह अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत लौटे। डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद उन्हें 20 दिनों की कैद के बाद रिहा किया गया। पूर्णम शॉ पश्चिम बंगाल के हुगली ज़िले के रिशरा के रहने वाले हैं। वह 23 अप्रैल को फिरोजपुर सेक्टर में ऑपरेशनल ड्यूटी के दौरान गलती से सीमा पार कर गए थे और पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। गिरफ्तारी के बाद पाक रेंजर्स ने उनकी दो तस्वीरें भी जारी की थीं—एक में वह पेड़ के नीचे खड़े थे और उनकी राइफल व अन्य सामान ज़मीन पर पड़ा था, दूसरी तस्वीर में उनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी और वह एक गाड़ी में बैठे थे।
बता दें, सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए केंद्र सरकार ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की सुरक्षा भी बढ़ा दी है। अब उन्हें Z कैटेगरी की सुरक्षा के तहत दो बुलेटप्रूफ वाहन भी मुहैया कराए गए हैं। ये फैसला भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य तनाव और ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ते खतरे को देखते हुए लिया गया है। वहीं दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर के सांबा, कठुआ, अखनूर और जम्मू में मंगलवार रात ड्रोन गतिविधियां देखी गई थीं। लेकिन बुधवार की सुबह तक कोई नया ड्रोन दिखाई नहीं दिया और फिलहाल इन इलाकों में स्थिति सामान्य बनी हुई है। श्रीनगर में बाज़ारों में चहल-पहल है और लोग सामान्य दिनचर्या में लौटते नजर आ रहे हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का असर सिर्फ ज़मीन पर नहीं बल्कि आसमान में भी दिखा। भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेस पर सफलतापूर्वक एयरस्ट्राइक की थी, जिसके प्रमाण अब उपग्रह से ली गईं तस्वीरों में भी सामने आ रहे हैं। अमेरिका की प्राइवेट सैटेलाइट कंपनी ‘मैक्सार’ ने पाकिस्तान के चार प्रमुख एयरबेस—सरगोधा, नूर खान, भोलारी और सुक्कुर—की हाई रेजोल्यूशन इमेज जारी की हैं। इन तस्वीरों में साफ तौर पर दिख रहा है कि एयरस्ट्राइक से पहले और बाद में उन बेसों की हालत में कितना बड़ा अंतर आया है।
इस पूरे घटनाक्रम पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीखा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “एक दिन आतंकवाद पाकिस्तान को निगल जाएगा। पाकिस्तान पूरी तरह खोखला हो चुका है। ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान की करतूतों का करारा जवाब है। जो भी भारत की ओर उंगली उठाएगा, उसके जनाज़े में कोई रोने वाला भी नहीं बचेगा।”