भोपाल ऐशबाग ROB घोटाला: CM मोहन यादव ने लिए एक्शन, 8 इंजीनियर निलंबित; डिज़ाइन एजेंसी ब्लैकलिस्ट!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भोपाल में ऐशबाग स्थित रेलवे ओवरब्रिज (ROB) के निर्माण में सामने आई गंभीर लापरवाही ने प्रदेशभर में हड़कंप मचा दिया है। इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त कदम उठाते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) के 8 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही एक सेवानिवृत्त एसई के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने शनिवार रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर खुद जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया था और जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट में दोषियों की पुष्टि होने के बाद कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री ने लिखा कि दो सीई समेत कुल आठ इंजीनियरों को निलंबित किया गया है, जबकि ROB का त्रुटिपूर्ण डिजाइन देने पर निर्माण एजेंसी व डिजाइन कंसल्टेंट दोनों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।

यह मामला इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि इस ब्रिज का डिजाइन ही खतरनाक पाया गया है। ऐशबाग ROB को 90 डिग्री के एंगल पर मोड़ दिया गया है, जिसके चलते यहां वाहनों के आपस में टकराने या ब्रिज की दीवारों से भिड़ने का खतरा हमेशा बना रहेगा। जांच में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने भी साफ कहा कि इस ब्रिज पर 35-40 किमी प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार में वाहन चलाना बेहद खतरनाक हो सकता है। इसके चलते ROB को अब रिडिजाइन करने का फैसला लिया गया है।

यह प्रोजेक्ट शुरू से ही लापरवाही और देरी का शिकार रहा है। मई 2022 में 17.37 करोड़ रुपए की लागत से शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट अगस्त 2024 तक पूरा होना था। लेकिन तय समय-सीमा से एक साल देरी के बाद भी जून 2025 में इसका काम अधूरा पड़ा है। इतना ही नहीं, इस ब्रिज के निर्माण में रेलवे ने भी शुरू में 90 डिग्री मोड़ पर आपत्ति जताई थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों ने जगह की कमी का हवाला देते हुए इसे नजरअंदाज कर दिया।

इधर इस पूरे मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी जमकर मीम्स बन रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर इतनी तीखी मोड़ वाली सड़क पर वाहन कैसे मुड़ेंगे? कई यूजर्स ने व्यंग्य करते हुए लिखा कि ये ब्रिज कारों के लिए नहीं, सर्कस के स्टंट के लिए बना है।

गौरतलब है कि ऐशबाग ROB की कुल लंबाई 648 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर है, जिसमें से 70 मीटर का हिस्सा रेलवे का है। इस प्रोजेक्ट को महज 18 महीने में पूरा करना था, लेकिन अब तक यह केवल विवादों और सरकारी लापरवाही का नमूना बनकर रह गया है।

उधर अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग नीरज मंडलोई ने कहा कि जिन अफसरों को निलंबित किया गया है, उनके खिलाफ सोमवार को आरोप तय किए जाएंगे। साथ ही ROB में सुधार के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है, जो आवश्यक बदलाव कराएगी। जब तक ये सुधार नहीं होंगे, तब तक ROB का लोकार्पण नहीं किया जाएगा। इस बीच, PWD मंत्री राकेश सिंह ने भी साफ कर दिया है कि किसी भी कीमत पर जनता की जान को खतरे में नहीं डाला जाएगा।

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