जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित आदि शंकराचार्य की तपोभूमि बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलते ही पूरे मंदिर परिसर में आध्यात्मिक उल्लास और भक्तिमय वातावरण छा गया। मुख्य पुजारी — रावल अमरनाथ नंबूदरी ने परंपरागत रूप से गणेश पूजा, द्वारपाल पूजा और वेद मंत्रों के बीच कपाट खोले। इसके साथ ही चारधाम यात्रा का विधिवत और भव्य शुभारंभ हो गया। इस शुभ अवसर पर गढ़वाल राइफल्स का बैंड पारंपरिक धुनें बजा रहा था और महिलाएं लोकगीतों के माध्यम से बद्रीविशाल का स्वागत कर रही थीं।
मंदिर के कपाट खुलने का अनुष्ठान बेहद दिव्य और विधिपूर्वक सम्पन्न हुआ। रावल अमरनाथ नंबूदरी — जो इस बार पहली बार पूजा कर रहे हैं — ने सबसे पहले गणेश पूजा की, फिर द्वारपाल पूजा कर मंदिर प्रवेश की अनुमति ली। सुबह 6 बजे गर्भगृह के कपाट खुले, और छह महीने से जल रही अखंड ज्योति को दूसरे दीपक में स्थानांतरित किया गया। इसके बाद लक्ष्मी जी, गणेश जी और अन्य देवताओं के ओढ़े घृत कंबल हटाए गए, और दो घंटे तक निर्वाण दर्शन यानी बिना श्रृंगार के दर्शन कराए गए।
भगवान बद्रीनाथ का पहला अभिषेक तप्त कुंड के जल से किया गया, इसके बाद नवकलश और पंचामृत से विशेष अभिषेक हुआ। दोपहर को बालभोग और फिर राजभोग अर्पित किया गया। दिन भर दर्शन खुले रहेंगे, और रात को शयन आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद होंगे।
मंदिर के कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह 6:40 बजे तक 10 हजार से अधिक श्रद्धालु धाम पहुंच चुके थे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बद्रीविशाल के दर्शन किए और देशभर के श्रद्धालुओं के लिए शुभकामनाएं दीं। अगले छह महीनों तक भगवान बद्रीनारायण के दर्शन खुलेंगे और देशभर से तीर्थयात्री हिमालय की गोद में स्थित इस दिव्य धाम की यात्रा करेंगे।
बता दें, 3 मई को भगवान बद्रीविशाल की उत्सव डोली धाम पहुंची थी, जिसमें कुबेर, उद्धव और आदि शंकराचार्य की गद्दी भी शामिल थी। इससे पहले 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम तथा 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए थे। बद्रीनाथ धाम में दर्शन से पूर्व श्रद्धालु यहां के तप्त कुंड में स्नान करते हैं, जिसकी मान्यता है कि यहां स्नान कर दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस कुंड में अलकनंदा नदी की गर्म जलधारा मिलती है, जो बर्फीले पहाड़ों के बीच चमत्कारिक अनुभव देती है।
धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। पूरे परिसर को सुरक्षा घेरे में रखा गया है। करीब 6 हजार पुलिसकर्मी, PAC की 17 कंपनियां और अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियां चारधाम यात्रा रूट पर तैनात की गई हैं। विशेष रूप से बद्रीनाथ धाम में SDRF, गढ़वाल राइफल्स, LIU सहित 500 से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं।
इस बार धाम की यात्रा को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए चमोली जिला प्रशासन ने इसे पॉलीथिन मुक्त रखने का निर्णय लिया है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने होटलों और ढाबों को पॉलीथिन का उपयोग न करने और रेट लिस्ट लगाने जैसे निर्देश दिए हैं। साथ ही फायर सिलेंडर रखना भी अनिवार्य किया गया है।
बद्रीनाथ मंदिर समिति ने इस वर्ष दर्शन को और भी विशेष बनाने के लिए ‘प्रसाद पैकेज’ की व्यवस्था की है, जिसमें भगवान का श्रृंगार, प्रसाद और तुलसी माला शामिल है। यह पैकेट श्रद्धालु केवल ₹150 में मंदिर परिसर से प्राप्त कर सकते हैं।