छतरपुर में बाबा साहब की मूर्ति चोरी: ग्रामीणों में आक्रोश, भीम आर्मी ने किया विरोध प्रदर्शन; पुलिस जांच में जुटी

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

छतरपुर के गढ़ीमलहरा क्षेत्र के बारी गांव में बुधवार रात एक सनसनीखेज घटना घटी, जब डॉ. भीमराव अंबेडकर की स्थापित की गई मूर्ति रहस्यमय तरीके से गायब हो गई। गुरुवार सुबह जब ग्रामीणों ने बाबा साहब की प्रतिमा को अपने स्थान पर नहीं पाया, तो पूरे गांव में हड़कंप मच गया। देखते ही देखते यह खबर आग की तरह फैल गई और आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी।

मूर्ति की चोरी की खबर मिलते ही भीम आर्मी के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने पहले से ही मूर्ति स्थापना का विरोध किया था और यह चोरी एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा हो सकती है। इस बीच, पुलिस भी मौके पर पहुंची और हालात को संभालने की कोशिश की।

बारी गांव के निवासी ओमप्रकाश अहिरवार ने खुलासा किया कि गांव के कुछ दबंग लोग इस जमीन पर कब्जा जमाना चाहते थे, इसलिए मूर्ति चोरी की घटना को अंजाम दिया गया। जयप्रकाश नामक ग्रामीण ने बताया कि कुछ लोग पहले से ही प्रतिमा लगाने के खिलाफ थे। यह मामला पहले भी प्रशासन के संज्ञान में लाया जा चुका था, जब 18 फरवरी को अहिरवार समाज के दो दर्जन से अधिक लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था।

पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की, तो कुछ संदिग्धों के नाम सामने आए हैं। एएसपी विदिता डांगर ने कहा कि पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और उचित साक्ष्य मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अंबेडकर के नाम दर्ज है जमीन का कुछ हिस्सा

बारी गांव में जहां डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की गई थी, वह जमीन विवादित मानी जा रही है। दस्तावेजों के अनुसार, कुल 3.237 हेक्टेयर भूमि में से 0.650 हेक्टेयर जमीन बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर दर्ज है। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ प्रभावशाली लोग इस जमीन पर कब्जा करना चाहते थे, इसलिए मूर्ति को चुरा लिया गया।

गौरतलब है कि 10 मार्च को अहिरवार समाज ने गांव के स्कूल के पास हर्रई रोड पर बाबा साहब की प्रतिमा स्थापित की थी। इस दौरान पूरे गांव में उत्साह का माहौल था, ढोल-नगाड़ों के साथ समाज के सैकड़ों लोगों ने इस ऐतिहासिक क्षण को उत्सव की तरह मनाया था। लेकिन मात्र कुछ ही दिनों बाद प्रतिमा चोरी होने से समाज में भारी आक्रोश फैल गया है। घटना के बाद अहिरवार समाज के लोग गुस्से में हैं। भीम आर्मी और समाज के अन्य संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध प्रदर्शन तेज करने की चेतावनी दी गई है। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में कब तक कोई ठोस कार्रवाई कर पाती है और क्या बाबा साहब की मूर्ति को फिर से उसी स्थान पर स्थापित किया जाएगा या नहीं।

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