जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
इंदौर में धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाने वाली घटना सामने आई है। शहर के संजय ब्रिज के पास कान्ह नदी किनारे बने एक प्राचीन मंदिर की मूर्तियों को अज्ञात लोगों ने उखाड़कर नदी में फेंक दिया। शनिवार सुबह जब श्रद्धालु मंदिर पहुंचे तो वहां मूर्तियां गायब थीं। इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया और बजरंग दल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए।
बजरंग दल का विरोध और एफआईआर की मांग
मामले की जानकारी मिलते ही बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और कोतवाली थाने का घेराव कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उनका कहना है कि लगातार मंदिर को निशाना बनाया जा रहा है और पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच रही। कार्यकर्ताओं ने मंदिर की मूर्तियों को नदी से निकालने के लिए खुद सर्चिंग शुरू की और कुछ मूर्तियां पानी में से बरामद भी हुईं।
टीआई रविंद्र पाराशर ने प्रदर्शनकारियों को समझाइश दी और आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस पर वीडियो डिलीट कराने का आरोप
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि मूर्तियों की तलाश के दौरान बनाए गए सर्चिंग वीडियो को पुलिस ने जबरन डिलीट करा दिया। इससे लोगों का आक्रोश और बढ़ गया। हिंदू संगठनों का कहना है कि बार-बार मंदिरों के साथ छेड़छाड़ हो रही है, लेकिन प्रशासन सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा।
पहले भी मिल चुके हैं मवेशियों के अवशेष
यह कोई पहली घटना नहीं है। 15 अगस्त को भी इसी मंदिर परिसर में मवेशियों के अवशेष मिलने की शिकायत दर्ज की गई थी। शुक्रवार को भी कान्ह नदी घाट पर स्थित शिव मंदिर में अवशेष मिलने पर पुलिस ने मोहनलाल मानेकर की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। लगातार हो रही इन घटनाओं से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं और इसे हिंदू भावनाओं से खिलवाड़ बताया जा रहा है।
जांच में जुटी पुलिस
फिलहाल पुलिस ने मंदिर की मूर्तियों के उखाड़कर नदी में फेंके जाने की शिकायत को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपियों की पहचान की जाएगी। वहीं हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी।