ऑपरेशन सिंदूर पर थल सेनाध्यक्ष का खुलासा, कहा – सरकार ने फ्री हैंड दिया: जनरल द्विवेदी बोले—शतरंज की तरह खेला गया ऑपरेशन सिंदूर, कभी ‘शह-मात’ दी तो कभी पीछे हटना पड़ा!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में पहली बार इतने विस्तार से जानकारी साझा करते हुए कहा कि इस मिशन के दौरान सरकार ने सेना को पूरी तरह फ्री हैंड दिया था। उन्होंने इसकी तुलना एक शतरंज के खेल से की, जिसमें हर चाल पर अप्रत्याशित परिस्थितियाँ बन रही थीं।

“कहीं हम दुश्मन को शह-मात दे रहे थे, तो कहीं जान गंवाने के जोखिम पर पीछे हटना पड़ रहा था। यही तो जिंदगी है,” – जनरल द्विवेदी।

जनरल द्विवेदी IIT मद्रास में ‘अग्निशोध’ – इंडियन आर्मी रिसर्च सेल (IARC) के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पारंपरिक युद्ध का हिस्सा नहीं था, बल्कि यह ग्रे जोन ऑपरेशन था, जिसमें खुफिया सूचनाओं और सटीक रणनीति की निर्णायक भूमिका रही।

थल सेनाध्यक्ष ने बताया कि 25 अप्रैल को उत्तरी कमान में ऑपरेशन की योजना बनाई गई। 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस प्लान को साझा किया गया। इसके बाद 7 में से 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया, जिसमें कई कुख्यात आतंकी मारे गए।
उन्होंने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” नाम सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि पूरे देश को एकजुट करने वाला प्रतीक बन गया। यही वजह रही कि इसे रोकने पर सवाल उठे और सेना ने उन सवालों के ठोस जवाब दिए।

‘अग्निशोध’ का उद्देश्य भारतीय सेना को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, साइबर सिक्योरिटी, क्वांटम कंप्यूटिंग, वायरलेस कम्युनिकेशन और अनमैन्ड सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकों में दक्ष बनाना है। यह पहल भविष्य में सेना को टेक्नॉलॉजी-ड्रिवन और युद्ध के हर आयाम में सक्षम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

एयरफोर्स चीफ ने बताया ‘गेम-चेंजर’

इसी कार्यक्रम से पहले, बेंगलुरु में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी (एपी सिंह) ने खुलासा किया था कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमान और एक सर्विलांस एयरक्राफ्ट को मार गिराया गया। यह सर्विलांस विमान लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया, जो एक नया रिकॉर्ड है।
उन्होंने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को गेम-चेंजर बताते हुए कहा कि पाकिस्तान हमारे वायु रक्षा कवच को तोड़ने में नाकाम रहा, जबकि उसके पास लंबी दूरी के ग्लाइड बम होने के बावजूद उनका इस्तेमाल नहीं हो सका।

9 अगस्त को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारतीय दावों को “अविश्वसनीय” बताते हुए कहा कि भारत को अपने वायुसेना और सैनिकों के नुकसान की स्वतंत्र जांच के लिए तैयार होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय सेना के अधिकारी राजनीतिक असफलताओं का बोझ उठा रहे हैं और चेतावनी दी कि ऐसे दावे परमाणु हथियार रखने वाले दो देशों के बीच तनाव को खतरनाक स्तर पर ले जा सकते हैं।

बता दें, 7 मई की रात 1:30 बजे, भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के नौ ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इसमें लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के ठिकाने भी शामिल थे। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकी मारे गए। पाकिस्तान के सरकारी मीडिया ने दावा किया कि हमले कोटली, बहावलपुर, मुरीदके, बाग और मुजफ्फराबाद में हुए, जिनमें कई महत्वपूर्ण संरचनाएँ नष्ट हो गईं।

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