जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
राजगढ़ जिले के छोटे से गांव चंदरपुरा की बेटी अंजली सौंधिया ने कर दिखाया वो कारनामा, जो लाखों युवाओं का सपना होता है। ब्यावरा की इस होनहार छात्रा ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित भारतीय वन सेवा (Indian Forest Service – IFS) की परीक्षा में अपने पहले ही प्रयास में पूरे भारत में 9वीं रैंक हासिल की है। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है, बल्कि मध्यप्रदेश के लिए भी एक गौरवपूर्ण क्षण बन गई है।
अंजली का यह सफर आसान नहीं था। उनके पिता सुरेश सौंधिया किसान थे, जिनका कुछ वर्ष पूर्व लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। पिता के निधन के बाद अंजली ने अपने सपनों को अधूरा नहीं छोड़ा, बल्कि संघर्ष को अपनी ताकत बनाकर आगे बढ़ती रहीं। आज जब उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक में टॉप रैंक हासिल की है, तो पूरा गांव, जिला और प्रदेश उनकी सफलता पर गर्व महसूस कर रहा है।
अंजली ने 12वीं तक की पढ़ाई ब्यावरा की आर.के. एकेडमी से की और फिर इंदौर के जैन दिवाकर कॉलेज से बीएससी पूरी की। सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग संस्थान में जाए, घर पर रहकर ऑनलाइन माध्यम से इस परीक्षा की तैयारी की। उन्होंने दिन-रात मेहनत, अनुशासन और समर्पण से तैयारी की और पहली ही बार में देश की टॉप 10 रैंक में जगह बना ली।
उनकी मां ने बेटी की पढ़ाई के दौरान हर मोड़ पर साथ दिया। मां का कहना है कि उन्होंने बेटी के सपनों को अपना सपना बनाया और हर वह सहयोग दिया, जो संभव था। जब अंजली का चयन हुआ, तो परिवार और गांववालों ने ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया, आतिशबाजी की, और मिठाइयाँ बांटीं।
आर.के. एकेडमी की संचालिका भावना दुबे ने अंजली को बधाई देते हुए कहा कि उनकी सफलता ने पूरे विद्यालय, जिले और राज्य को गौरवान्वित कर दिया है। स्कूल में छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर मिठाइयां बांटीं और अंजली की सफलता को सेलिब्रेट किया। स्कूल प्रशासन का कहना है कि अंजली आने वाली पीढ़ी के लिए एक ‘रोल मॉडल’ बन चुकी हैं।