जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भागवत कथा के माध्यम से आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार कर रहे कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने अपने प्रवचनों के बीच देश और धर्म से जुड़ी कई अहम बातें कहीं। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भारत की हालिया सैन्य कार्रवाई का खुला समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम अत्यंत आवश्यक था। पाकिस्तान वर्षों से आतंकवाद को प्रश्रय देता आया है और भारत की सुरक्षा को लगातार चुनौती दे रहा था। ऐसे में भारतीय सेना द्वारा की गई “ऑपरेशन सिंदूर” जैसी जवाबी कार्रवाई देश की आत्मरक्षा और संप्रभुता के लिए अत्यंत आवश्यक है।
अनिरुद्धाचार्य महाराज ने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि भारत को पाक अधिकृत कश्मीर (POK) पर भी अधिकार करना चाहिए, क्योंकि वह भूमि सनातन धर्म की गोद में रही है और उसे आतंक की धरती बनाना शांति का अपमान है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “जब तक POK भारत में नहीं आता, तब तक पूर्ण विजय अधूरी है।”
अपनी कथा के दौरान महाराज ने एक और महत्वपूर्ण मांग उठाई — गौमाता को राज्य माता का दर्जा देने की। उन्होंने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के गौ सांसद बनाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि “भारत की संस्कृति और सनातन परंपरा में गाय केवल पशु नहीं, एक जीवंत माता है। उसे वह सम्मान मिलना चाहिए जिसकी वह सच्ची अधिकारी है।”
महाराज ने भारतीय सेना की बहादुरी को प्रणाम करते हुए विशेष रूप से कर्नल सोफिया कुरैशी की तारीफ़ की, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को ध्वस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “हमें गर्व है कि हमारी सेना में ऐसी वीरांगनाएं हैं जो अपने पराक्रम से दुश्मन को धूल चटा रही हैं। ये भारतीय नारी शक्ति का जीवंत प्रमाण हैं।”
अनिरुद्धाचार्य महाराज ने ग्राम रिमझा में शिक्षा और संस्कार के संगम हेतु चार एकड़ भूमि गुरुकुल निर्माण के लिए दान दी है। इस गुरुकुल में कक्षा 1 से 12 तक अंग्रेजी माध्यम की आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ वैदिक ज्ञान और संस्कारों का समावेश होगा। इसके निर्माण के लिए करीब दो करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। भूमिपूजन समारोह में बहोरीबंद विधायक प्रणव पांडे, पाटन विधायक अजय विश्नोई, सगोड़ी सरपंच दीपक साहू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
महाराज ने कथा के समापन पर कहा, “भारत की असली ताकत उसकी संस्कृति, सनातन परंपरा, गौमाता, और उसकी वीर सेना है। जब ये चारों मिलते हैं, तब भारत न केवल युद्ध जीतता है, बल्कि धर्म और मानवता की विजय सुनिश्चित करता है।”