जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। हमले में निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या के बाद मध्यप्रदेश में भी जन आक्रोश भड़क उठा है। शनिवार को भोपाल, इंदौर सहित रायसेन, रतलाम, बड़वानी और छतरपुर जैसे शहरों में आधे दिन का स्वैच्छिक बंद रखा गया। राजधानी भोपाल में अहिल्या चेंबर ऑफ कॉमर्स और इंदौर में शहर कांग्रेस कमेटी ने बंद का आह्वान किया। इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं को इस बंद से बाहर रखा गया है, जिससे मरीजों को दवा और चिकित्सा सुविधा में कोई दिक्कत न हो। करीब 3 हजार मेडिकल स्टोर खुले रहे और दूध सप्लाई भी जारी रही।
इंदौर में कांग्रेस के बंद को कई व्यापारिक संगठनों का समर्थन मिला। फुटकर व्यापारी संघ, कपड़ा बाजार, अनाज मंडी, सोना-चांदी बाजार से लेकर होटल व्यापारी एसोसिएशन तक ने अपनी दुकानें दोपहर 2 बजे तक बंद रखीं। भोपाल में न्यू मार्केट, पुराने शहर और प्रमुख बाजारों ने भी श्रद्धांजलि स्वरूप कारोबार बंद कर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई। चाय-नाश्ते के ठेले जरूर खुले रहे ताकि आमजन को जरूरी राहत मिल सके।
बड़वानी जिले के वरला और बलवाड़ी में सर्व धर्म समाज के नेतृत्व में व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर आतंकवाद का पुतला जलाया। इसके बाद तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की गई। अशोकनगर जिले के शाढ़ौरा में भी आक्रोशित जनता ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए आतंकी हमले का विरोध किया और पुतला दहन किया।
छतरपुर में व्यापारी संगठनों ने सर्वसम्मति से बाजार बंद रखने का निर्णय लिया। गांधी चौक पर एकत्र होकर सभी व्यापारियों ने हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को मौन श्रद्धांजलि अर्पित की। बाद में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की गई।
इसी तरह, रतलाम के सैलाना नगर में सर्व हिंदू समाज के आह्वान पर पूरा बाजार स्वतः बंद रहा। व्यापारी और नागरिक बड़ी संख्या में राजवाड़ा चौक पर एकत्र हुए। वहां से जुलूस निकालकर थाना परिसर पहुंचे और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। दोपहर के बाद हिंदूवादी संगठनों ने भी आक्रोश जताया और आतंकियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से उठी यह आवाज एक संदेश दे रही है कि देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। लोग सिर्फ दुखी नहीं हैं, बल्कि अब निर्णायक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।