आंध्र की मंत्री सविता एस ने DM पर फेंका गुलदस्ता, मंच पर फूटा गुस्सा – वीडियो वायरल

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसने हर किसी को चौंका दिया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें राज्य सरकार की कैबिनेट मंत्री सविता एस सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान मंच पर ही जिलाधिकारी पर गुलदस्ता (बुके) फेंकती नज़र आ रही हैं। यह वीडियो जितना हैरान करने वाला है, उतना ही सवालों से भरा हुआ भी।

घटना तीन दिन पहले की बताई जा रही है, लेकिन इसका वीडियो रविवार को सामने आया। दरअसल, मंत्री सविता एक पेंशन वितरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंची थीं। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मंच पर मौजूद DM प्रभावती से सवाल किया – “पहले फेज में कितने फ्री गैस सिलेंडर वितरित किए गए?”

जिलाधिकारी उनके सवाल का जवाब स्पष्ट रूप से नहीं दे पाईं। बस फिर क्या था, मंत्री जी का पारा चढ़ गया। उन्होंने वही बुके, जो कार्यक्रम के स्वागत में उन्हें DM द्वारा भेंट किया गया था, गुस्से में उठाकर जिलाधिकारी पर फेंक दिया।

इस अप्रत्याशित व्यवहार से कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी, कर्मचारी और आम जनता सकते में आ गई। कुछ क्षण के लिए मंच पर सन्नाटा पसर गया। यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया और अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।

वीडियो वायरल होते ही लोगों की प्रतिक्रियाएं भी बंट गईं। एक वर्ग ने मंत्री सविता के इस रवैये को ‘असभ्य’ और ‘लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ’ बताया, तो वहीं कुछ यूज़र्स ने कहा कि – “अगर अफसरों को योजनाओं की जानकारी ही नहीं है, तो सवाल पूछना गलत कैसे हुआ?”

कई यूज़र्स ने यह भी कहा कि एक वरिष्ठ मंत्री को सार्वजनिक मंच पर इतना गुस्सा नहीं करना चाहिए, इससे प्रशासन और जनता के बीच गलत संदेश जाता है। एक यूज़र ने लिखा – “गलती किसी की भी हो, पर लोकतंत्र में ऐसे व्यवहार की कोई जगह नहीं है। मंत्री पद गरिमा मांगता है।”

मंत्री सविता कौन हैं?

सविता एस आंध्र प्रदेश सरकार में पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और हथकरघा एवं वस्त्र विभाग की कैबिनेट मंत्री हैं। वे तेलुगू देशम पार्टी (TDP) से जुड़ी हैं और 2024 में पहली बार पेनुकोंडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनीं। नई सरकार में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया है और उन्हें कई जिम्मेदार विभाग सौंपे गए हैं।

इस पूरे विवाद पर ना तो मंत्री सविता और ना ही जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने आया है। लेकिन सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में यह मामला तूल पकड़ चुका है।

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