अमित मालवीय और अर्नब गोस्वामी पर झूठी जानकारी फैलाने का लगा गंभीर आरोप, कांग्रेस ने दर्ज करवाई FIR; प्रेस काउंसिल और CBI से जांच की मांग!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

देश की सियासत में एक बार फिर सोशल मीडिया पर फैलाई गई जानकारी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय और रिपब्लिक टीवी के पत्रकार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। आरोप है कि दोनों ने मिलकर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठी, भ्रामक और देशविरोधी मानसिकता को भड़काने वाली जानकारियां प्रसारित कीं।

मामला तब उठा जब 17 मई को अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अर्नब गोस्वामी का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें दावा किया गया कि कांग्रेस पार्टी का तुर्किये (TURKIYE) में रजिस्टर्ड ऑफिस है। इस वीडियो के साथ मालवीय ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए लिखा कि “देश को बताना चाहिए कि ऐसा करने की जरूरत क्यों पड़ी। यह मामला बेहद चौंकाने वाला और देश की सुरक्षा से जुड़ा है।”

कांग्रेस की शिकायत में कहा गया है कि यह वीडियो और पोस्ट पूर्वनियोजित रणनीति के तहत शेयर किए गए ताकि देश की जनता को गुमराह किया जा सके और कांग्रेस की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नुकसान पहुँचाया जा सके। यह न केवल राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित था, बल्कि इससे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था, आंतरिक शांति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी सीधा खतरा पैदा होता है।

इस मामले में बेंगलुरु के हाई ग्राउंड पुलिस स्टेशन में BNS की धारा 192 (जानबूझकर दंगा भड़काने की मंशा से भड़काऊ जानकारी देना) और धारा 352 (जानबूझकर अपमान करके शांति भंग करना) के तहत केस दर्ज किया गया है। भारतीय युवा कांग्रेस के लीगल सेल प्रमुख श्रीकांत स्वरूप बीएन की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई। उन्होंने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों से मांग की है कि इस मामले को आपात स्थिति की तरह गंभीरता से लिया जाए।

इस विवाद की पृष्ठभूमि में एक और अंतरराष्ट्रीय विवाद जुड़ा है – भारत-पाक तनाव के बीच तुर्किये का पाकिस्तान के समर्थन में आना। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था। ऐसे समय में तुर्किये और अजरबैजान ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्किये ने पाकिस्तान को ड्रोन्स, हथियार और प्रशिक्षित सैन्य तकनीशियन मुहैया कराए, जिससे भारत में गुस्सा और आक्रोश फैल गया।

इसके बाद भारत में #BoycottTurkey की लहर चल पड़ी। भारत के तमाम व्यापारी संगठनों, ट्रैवल कंपनियों और विश्वविद्यालयों ने तुर्किये से संबंध खत्म करने शुरू कर दिए।

  • ट्रैवल कंपनियों EaseMyTrip और Ixigo ने तुर्किये की यात्रा न करने की एडवाइजरी जारी की।

  • JNU और AMU जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने तुर्किये के शैक्षिक संस्थानों के साथ समझौते रद्द किए।

  • पुणे, कानपुर और जयपुर के व्यापारियों ने तुर्किये से सेब और मार्बल आयात बंद कर दिए।

  • अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने तुर्किये की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी से भी समझौता खत्म कर दिया।

  • E-commerce प्लेटफॉर्म Myntra और AJIO ने तुर्किये के प्रोडक्ट्स को आउट ऑफ स्टॉक कर दिया है।

तुर्किये भारत को सेब का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, लेकिन अब भारतीय व्यापारी हिमाचल, उत्तराखंड और ईरान से सेब आयात कर रहे हैं।

वहीं, भारत-तुर्किये व्यापारिक संबंधों पर नजर डालें तो अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच भारत ने तुर्किये को ₹44,500 करोड़ (5.2 अरब डॉलर) का सामान निर्यात किया। जबकि आयात महज ₹24,320 करोड़ (2.84 अरब डॉलर) का रहा। यानी भारत हमेशा से तुर्किये के साथ ट्रेड सरप्लस की स्थिति में रहा है।

लेकिन अर्नब गोस्वामी के वीडियो और मालवीय की पोस्ट के जरिए उठाया गया कांग्रेस-तुर्किये कनेक्शन न केवल राजनीतिक विवाद में बदल गया, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय राजनयिक विवाद को भी हवा दे गया है। कांग्रेस का कहना है कि यह सब झूठ पर आधारित एक गहरी साजिश है, जिसे राष्ट्रविरोधी भावनाएं भड़काने के इरादे से फैलाया गया।

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