जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
18 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस अब तक अमित दीवान सुसाइड केस के सभी आरोपियों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है। इस मामले के सात आरोपी, जिनमें भाजपा नेता प्रकाश शिवहरे के बेटे विकास और आकाश शिवहरे भी शामिल हैं, अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस ने आरोपियों पर इनाम भी घोषित किया है, लेकिन अब तक सफलता हाथ नहीं लगी है।
वहीं, अब इस मामले में देरी से नाराज़ सर्व समाज ने प्रशासन को चेतावनी दी है और आज गुरुवार को मीनाक्षी चौराहा पर आंदोलन किया जाएगा। सामाजिक संगठनों का आरोप है कि पुलिस दबाव में आकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से बच रही है, जिसके बाद पीड़ित परिवार और ब्राह्मण समाज बड़ा आंदोलन करने को मजबूर है।
बात दें, अमित दीवान की तस्वीर लेकर उसके पिता कुर्सी पर बैठे रहे, जबकि समाज के लोग चौक पर जाम लगाकर खड़े थे। इससे मीनाक्षी चौक पर ट्रैफिक पूरी तरह से ठप हो गया। करीब डेढ़ घंटे तक परिजन, मृतक के पिता और ब्राह्मण समाज के लोग सड़क पर बैठे रहे। फिर सिटी मजिस्ट्रेट बृजेंद्र रावत को ज्ञापन देकर अपनी मांगें रखीं और चक्काजाम खत्म किया।
अमित के भाई ने कहा कि हम न्याय के लिए धरना और चक्काजाम कर रहे हैं। पुलिस वाले हमें धमकी दे रहे हैं कि अगर चक्काजाम किया तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आरोपियों को पकड़ने में पुलिस नाकाम है, और उल्टा हमें ही गिरफ्तार करने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने नर्मदापुरम पुलिस पर आरोप लगाया कि वो आरोपियों को पकड़ने में लापरवाह हैं और दबाव में काम कर रहे हैं।
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इस केस में अब तक केवल एक आरोपी—सौरभ शर्मा को फोरलेन से गिरफ्तार किया गया है, जिसे मंगलवार को जेल भेज दिया गया। बाकी सात आरोपी अब भी फरार हैं, जिनमें भाजपा नेता प्रकाश शिवहरे के बेटे विकास और आकाश शिवहरे भी शामिल हैं। अब सवाल यह है कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस उन्हें पकड़ क्यों नहीं पा रही? क्या किसी ताकतवर हाथ का इन आरोपियों पर संरक्षण है?
अब देखना यह होगा कि आज के आंदोलन के बाद प्रशासन जागता है या फिर जनता का गुस्सा किसी बड़े विरोध की तरफ बढ़ता है।
उल्लेखनीय है की 2 फरवरी को मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में अमित दीवान ने क्रिकेट सट्टे के चलते आत्महत्या कर ली। उसका शव माखन नगर रोड पर एक प्राइवेट होटल के कमरे में फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला। पुलिस के मुताबिक, अमित हाउसिंग बोर्ड में रहता था और एक मोबाइल शॉप में काम करता था। उसने शनिवार को यशराज होटल में कमरा लिया था और रात वहीं ठहरा। सुबह जब उसने चेकआउट नहीं किया, तो मैनेजर ने दरवाजा खोला और वहां अमित की लाश पाई।