जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा के बावजूद हालात पूरी तरह शांत नहीं हुए हैं। शनिवार शाम 5 बजे सीजफायर की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर उकसावे की कार्रवाई हुई। राजस्थान, पंजाब और गुजरात बॉर्डर पर पाकिस्तानी ड्रोन और विस्फोटों की आवाज़ें सुनाई दीं। हालांकि भारतीय सेना की मुस्तैदी के चलते इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया गया।
बता दें, कल करीब शाम 5 बजे विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सीजफायर की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया था कि अब दोनों देश जमीन, आकाश और समुद्र से एक-दूसरे पर हमला नहीं करेंगे। लेकिन पाकिस्तानी ड्रोन गतिविधियों और गोलीबारी से साफ है कि पाकिस्तान पर भरोसा करना भारत के लिए अब भी जोखिम भरा है। दरअसल, शनिवार को दोनों देशों के बीच घोषित सीजफायर के महज तीन घंटे बाद ही पाकिस्तान ने इस वादे को तोड़ दिया और जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान की सीमाओं पर ड्रोन और फायरिंग के ज़रिए हमला किया। लेकिन भारतीय सेना ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए इन हमलों को नाकाम कर दिया।
इसी बीच राजस्थान के बॉर्डर जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, बीकानेर और जोधपुर में अब सामान्य स्थिति लौटती नजर आ रही है। बाजार खुल गए हैं, और लोगों की आवाजाही भी सामान्य हो रही है। रेलवे ने युद्ध की स्थिति को देखते हुए जो 27 ट्रेनों को रद्द किया था, उनमें से कई को अब बहाल कर दिया गया है। शनिवार रात जैसलमेर और बाड़मेर में आधी रात तक धमाकों की आवाजें गूंजती रहीं। पोहड़ा गांव में आज सुबह पुराने हथगोले और कारतूस बरामद हुए हैं, जबकि बाड़मेर में आसमान से गिरी संदिग्ध वस्तु को सेना ने जब्त कर लिया है। इसी तरह पंजाब के अमृतसर और पठानकोट में भी शनिवार रात और रविवार सुबह धमाकों की आवाजें आईं, हालांकि प्रशासन ने इनकी पुष्टि नहीं की है।
भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और सेना को सीमाओं पर चौकसी के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जैसलमेर में बंकरों में समय बिताकर सिविल डिफेंस और आम नागरिकों का मनोबल बढ़ा रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि जो भारत की ओर आंख उठाएगा, वह फिर कभी कुछ देख नहीं पाएगा।
वहीं, पंजाब में भी हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। फिरोजपुर, फाजिल्का, तरनतारन, गुरदासपुर और अमृतसर में बॉर्डर से सटे गांव खाली कर दिए गए थे, लेकिन अब लोग वापस लौटने लगे हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फिरोजपुर में ड्रोन हमले में घायल लोगों से मिलने की घोषणा की है और पंजाब सरकार ने उनके इलाज का पूरा खर्च उठाने का वादा किया है।
हालाँकि गुजरात में बॉर्डर इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। 10 मई को सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान ने कच्छ, जामनगर और द्वारका में हमले की कोशिश की, जिससे कई गांवों में फिर से ब्लैकआउट करना पड़ा। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कच्छ में पाकिस्तानी ड्रोन देखे जाने की पुष्टि की थी। नालिया और जखाऊ इलाकों में 15 से अधिक धमाकों की आवाजें सुनी गईं।
बता दे, अभी हालात की गंभीरता को देखते हुए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर एक हाईलेवल सुरक्षा बैठक बुलाई। इस अहम बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आईबी और रॉ के प्रमुख शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे संघर्षविराम उल्लंघनों और ड्रोन हमलों की रणनीतिक समीक्षा और जवाबी कार्रवाई की तैयारी पर था। राजनीतिक स्तर पर भी इस मुद्दे पर हलचल तेज है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में ऑल पार्टी मीटिंग और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है ताकि पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर और बॉर्डर तनाव पर विस्तृत चर्चा की जा सके।