जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे गंभीर तनाव के बीच ट्रैवल इंडस्ट्री से एक चौंकाने वाला फैसला सामने आया है। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAAI) ने तुर्किये (टर्की) और अजरबैजान के लिए सभी बुकिंग और प्रमोशनल गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि इन दोनों देशों ने खुलकर पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिए और भारत के खिलाफ आतंकवाद को अप्रत्यक्ष समर्थन देने का रवैया अपनाया।
देशभर में 3,500 से ज्यादा ट्रैवल एजेंट्स का सामूहिक फैसला
TAAI के अनुसार, उनके 3,500 से ज्यादा मेंबर एजेंट्स ने इन दोनों देशों की बुकिंग बंद करने का निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष हमेंद्र सिंह जादौन ने बताया कि सिर्फ एमपी और सीजी में ही 250 से अधिक ट्रैवल एजेंट्स ने अजरबैजान और तुर्किये के लिए टूर पैकेज बेचने से इनकार कर दिया है। उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि इन देशों के खिलाफ सख्त ट्रैवल एडवाइजरी जारी की जाए।
ट्रैवल एजेंट प्रदीप काले के अनुसार, मार्च-अप्रैल तुर्किये और अजरबैजान जाने का सबसे लोकप्रिय समय होता है। बहुत से भारतीय टूरिस्ट्स ने पहले से बुकिंग कर रखी थी, लेकिन पाकिस्तान के पक्ष में इन देशों के झुकाव के बाद ज्यादातर पर्यटकों ने अपनी ट्रिप कैंसिल कर दी है। इंदौर और भोपाल के कई ट्रैवल एजेंट्स ने फ्री कैंसिलेशन पॉलिसी लागू कर दी है।ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी ट्रैवोमिंट के CEO आलोक के सिंह ने कहा कि उन्होंने तुर्किये और अजरबैजान की सभी बुकिंग सस्पेंड कर दी हैं और मौजूदा बुकिंग को बिना किसी शुल्क के कैंसिल करने की सुविधा दी है।
वहीं, ईज माई ट्रिप के CEO निशांत पिट्टी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा—
“ट्रैवल एक ताकतवर टूल है। हमें इसका उपयोग उन देशों को सशक्त करने के लिए नहीं करना चाहिए जो भारत के साथ खड़े नहीं होते।”
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारतीयों को ऐसे देशों में पैसा नहीं लगाना चाहिए जो आतंकवाद या विरोधी देशों का समर्थन करते हैं।
बता दें, 2024 में भारत से 2.75 लाख पर्यटक तुर्किये और 2.5 लाख से अधिक पर्यटक अजरबैजान गए थे। औसतन हर यात्री पर 1 लाख से 1.5 लाख रुपए खर्च होता है, जिससे अनुमान लगाया गया है कि तुर्किये को लगभग 2,750 करोड़ रुपए और अजरबैजान को 2,000 करोड़ रुपए का व्यापार भारत से मिला था। बुकिंग बंद होने से इन दोनों देशों की टूरिज्म इंडस्ट्री को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।