जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
अमरनाथ यात्रा के लिए इस साल बुधवार को पहला जत्था जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से पवित्र गुफा की ओर रवाना हुआ। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुद झंडी दिखाकर इस जत्थे को रवाना किया। इस दौरान यात्रा में शामिल श्रद्धालु “हर हर महादेव” और “बम बम भोले” के जयकारे लगाते हुए पूरे माहौल को भक्तिमय कर रहे थे। हालाँकि यात्रा की आधिकारिक शुरुआत 3 जुलाई से होगी, लेकिन श्रद्धालुओं में जोश इस कदर था कि पहले जत्थे को देखने के लिए रास्तों में भीड़ उमड़ पड़ी।
इस बार की अमरनाथ यात्रा 38 दिन चलेगी और 9 अगस्त रक्षाबंधन पर इसका समापन होगा। पिछले साल यह यात्रा 52 दिन चली थी और लगभग 5 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। इस बार अब तक 3.5 लाख से अधिक तीर्थयात्री ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में तुरंत रजिस्ट्रेशन के लिए विशेष केंद्र बनाए गए हैं, जहाँ रोज़ाना करीब 2000 श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन हो रहा है।
अमरनाथ यात्रा दो रूटों — पहलगाम और बालटाल से होती है। पहलगाम रूट अपेक्षाकृत आसान है लेकिन इसमें गुफा तक पहुँचने में 3 दिन लग जाते हैं, जबकि बालटाल रूट सिर्फ 14 किमी की खड़ी चढ़ाई वाला है, जहाँ बुजुर्गों को थोड़ी कठिनाई हो सकती है।
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को मेडिकल सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, RFID कार्ड, चार पासपोर्ट साइज फोटो और ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने पास रखना अनिवार्य है। साथ ही फिजिकल फिटनेस के लिहाज से हर रोज़ कम से कम 4-5 किमी पैदल चलने की प्रैक्टिस, प्राणायाम और हल्की एक्सरसाइज की सलाह दी गई है। ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी की बोतल और दवाओं का छोटा बैग ज़रूर रखना चाहिए।
जम्मू से रवाना हुआ जत्था उधमपुर, काजीगुंड, अनंतनाग होते हुए दक्षिण कश्मीर के पहलगाम और बालटाल पहुँचेगा। उधमपुर में जिला विकास आयुक्त सलोनी राय ने यात्रियों का स्वागत किया और उन्हें आरामदायक यात्रा का भरोसा दिलाया। काजीगुंड में स्थानीय लोगों ने श्रद्धालुओं पर फूल बरसाकर स्वागत किया। चंद्रकोट (रामबन) में भी पुष्पवर्षा कर यात्रियों का अभिनंदन किया गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि हम खुश हैं कि बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बावजूद श्रद्धालु एक बार फिर बड़ी संख्या में बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए पहुँच रहे हैं।
सुरक्षा के लिहाज से इस बार अमरनाथ यात्रा पहले से कहीं ज्यादा सख्त इंतज़ामों के बीच हो रही है। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे (NH-44) पर CRPF का मल्टी-स्टेज सिक्योरिटी सिस्टम एक्टिव है। CRPF ने हाईवे पर K-9 डॉग स्क्वॉड, FRS (फेस रिकग्निशन सिस्टम) तैनात किया है। यह सिस्टम कैमरों में जैसे ही कोई संदिग्ध चेहरा पकड़ता है, वैसे ही सुरक्षा बल अलर्ट हो जाते हैं। इस बार काफिलों की सुरक्षा के लिए हाईवे पर पहली बार जैमर भी लगाए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की रेडियो या रिमोट एक्टिविटी को रोका जा सके।
केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव अतुल डुल्लू ने तैयारियों का निरीक्षण करते हुए स्वास्थ्य, रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID), सामुदायिक रसोई और मेडिकल व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
कुल मिलाकर, अमरनाथ यात्रा इस बार अभूतपूर्व सुरक्षा, भक्तों के अटूट विश्वास और कश्मीरी लोगों के आतिथ्यभाव के बीच शुरू हो रही है। श्रद्धालु बाबा बर्फानी के जयकारों के साथ हिमालय की गोद में बसे अमरनाथ पहुँचने को बेताब हैं।