जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
अमरनाथ यात्रा इस बार भी भक्ति, आस्था और सुरक्षा के अभूतपूर्व संगम का अद्भुत उदाहरण बन रही है। यात्रा के पहले 11 दिनों में ही 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र अमरनाथ गुफा में हिम शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं। रविवार को ही करीब 20,000 तीर्थयात्री बाबा बर्फानी के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे। यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 38 दिनों तक चलने के बाद 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन इसका समापन होगा। इस बार अब तक 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु यात्रा के लिए पंजीकरण करवा चुके हैं।
सोमवार को जम्मू से छठा जत्था भी रवाना हुआ, जिसमें 6,100 यात्री शामिल थे। ये श्रद्धालु गांदरबल के बालटाल और पहलगाम के नुनवान बेस कैंप की ओर निकले। हालांकि इस बीच यात्रा मार्ग पर कुछ हादसे भी हुए। गांदरबल जिले के जेड-मोड़ टनल के पास तीर्थयात्रियों के काफिले की एक गाड़ी पलट गई, जिसमें सीआरपीएफ के 3 जवान घायल हो गए। इससे एक दिन पहले कुलगाम में यात्रियों की 3 बसें आपस में टकरा गई थीं, जिसमें करीब 10 यात्री घायल हुए थे।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर इस बार सरकार ने विशेष इंतजाम किए हैं। अमरनाथ यात्रा मार्ग पर 581 सुरक्षा कंपनियां तैनात की गई हैं, जिनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी, आईटीबीपी और सीआईएसएफ के जवान शामिल हैं। बालटाल से लेकर पवित्र गुफा तक हर दो किलोमीटर पर मेडिकल कैंप लगाए गए हैं। इसके अलावा रास्ते में कई जगह गोदाम भी खोले गए हैं ताकि आपात स्थिति में खाद्य सामग्री और अन्य ज़रूरत की चीज़ें तुरंत उपलब्ध कराई जा सकें। इस बार पैदल चलने वालों, घोड़े पर जाने वालों और पालकी वालों के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं, जिससे व्यवस्था ज्यादा सुचारू और सुरक्षित रह सके। खास बात यह है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हर 50 मीटर पर एक जवान तैनात किया गया है।
मुंबई से आए तीर्थयात्री प्रसाद ठाकुर ने बताया कि जिनके पास रजिस्ट्रेशन नहीं था, उनका भी जल्दी रजिस्ट्रेशन हो गया। उन्होंने बताया कि भंडारे में भोजन की बेहतरीन व्यवस्था है और शौचालय से लेकर रुकने तक की सुविधाएं अच्छी हैं।
अगर बात यात्रा मार्ग की करें तो प्राकृतिक सुंदरता देखने के लिए पहलगाम रूट सबसे बेहतर माना जाता है। हालांकि यह रूट बालटाल की तुलना में कुछ मुश्किल है। गुफा से चंदनबाड़ी तक का रास्ता थकान भरा और कई जगहों पर संकरा है। कहीं-कहीं रेलिंग तक नहीं है और घोड़ों के लिए अलग रास्ते भी बने हैं। लेकिन प्रकृति के अद्भुत नजारों के बीच से गुजरने का अनुभव अद्वितीय है।