जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
राजस्थान के चूरू में 9 जुलाई को दोपहर बड़ा हादसा हुआ, जब भारतीय वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट राजलदेसर इलाके के भाणुदा गांव में क्रैश हो गया। इस दर्दनाक हादसे में पाली (राजस्थान) के 23 वर्षीय फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषिराज सिंह देवड़ा और हरियाणा के रोहतक निवासी पायलट लोकेंद्र सिंह सिंधु शहीद हो गए। हादसे के बाद मौके पर बड़े क्षेत्र में विमान का मलबा बिखर गया और चारों ओर अफरा-तफरी मच गई।
पाली जिले के खिंवादी गांव का बेटा ऋषिराज सिंह देवड़ा बेहद होनहार था। परिवार उसकी शादी की तैयारियां कर रहा था। लेकिन कुदरत ने ऐसा झटका दिया कि परिवार की खुशियों का सपना टूटकर बिखर गया। ऋषिराज के चाचा हितपाल सिंह ने बेहद भावुक होते हुए सवाल उठाए कि – “हमें गर्व है कि हमारा बेटा देश के लिए शहीद हुआ, लेकिन सवाल यह भी है कि ऐसे होनहार बच्चों को पुराने फाइटर जेट क्यों उड़ाने दिए जाते हैं? अगर पुराने विमान में तकनीकी खामी आई तो कौन जिम्मेदार होगा?” इतना कहते हुए उनका गला भर आया।
गुरुवार को ऋषिराज की पार्थिव देह जोधपुर से हेलिकॉप्टर के जरिए सिरोही पहुंचाई जाएगी, जहां से सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव लाई जाएगी। गांव में उनके घर के बाहर सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। टेंट लगाए गए हैं और जैसे ही पार्थिव देह गांव पहुंचेगी, सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
हादसे के तुरंत बाद भारतीय वायुसेना ने घटनास्थल पर ब्लैक बॉक्स की तलाश के लिए बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया। सुबह सात बजे से ही एयरफोर्स की टीमें, पुलिस बल और ड्रोन की मदद से मलबे में ब्लैक बॉक्स खोजने में जुटी हैं। ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर इस भीषण दुर्घटना की असली वजह क्या रही। वायुसेना ने हादसे की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित कर दी है।
बताया जा रहा है कि यह जगुआर फाइटर जेट सूरतगढ़ एयरबेस (श्रीगंगानगर) से उड़ा था, जो दो सीट वाला ट्रेनर विमान था। हादसे के चश्मदीद स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने पहले विमान की गड़गड़ाहट सुनी, फिर अचानक जोरदार धमाका हुआ। जब लोग मौके पर पहुंचे तो देखा कि विमान के छोटे-छोटे टुकड़े हो चुके थे, आसपास के पेड़ जलकर राख हो गए और जमीन पर गहरा गड्ढा हो गया था।
इस दर्दनाक हादसे से ऋषिराज का परिवार सदमे में है। पिता जसवंत सिंह होटल व्यवसायी हैं, मां भंवर कंवर गृहिणी हैं और छोटा भाई युवराज जोधपुर में 12वीं की पढ़ाई कर रहा है। परिवार को यकीन ही नहीं हो रहा कि उनका लाल अब हमेशा के लिए उनसे दूर चला गया है।
उधर बुधवार रात रतनगढ़ अस्पताल में तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया और फिर शव भारतीय वायुसेना के अधिकारियों को सौंप दिए। अब पूरा देश इस हादसे की वजह जानने को बेचैन है।