जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री रान्या राव को सोना तस्करी के एक सनसनीखेज मामले में एक साल की सजा सुनाई गई है। यह सजा विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम (COFEPOSA) के तहत दी गई है, जो देश के सबसे सख्त कानूनों में से एक है। बुधवार को आए इस फैसले में स्पष्ट किया गया कि रान्या को सजा की अवधि में जमानत का अधिकार नहीं मिलेगा, यानी अब उन्हें किसी भी कोर्ट से राहत नहीं मिल सकेगी।
यह मामला उस समय सामने आया जब 3 मार्च 2025 को रान्या राव को बेंगलुरु के केंपगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 14.2 किलोग्राम सोना ले जाते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। दुबई से लौटी रान्या एयरपोर्ट पर ग्रीन चैनल से निकलने की कोशिश कर रही थीं, जो उन यात्रियों के लिए होता है जिनके पास कोई घोषित करने लायक सामान नहीं होता। लेकिन DRI (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) के अधिकारियों को उनकी गतिविधियों पर शक हुआ। पूछताछ के दौरान जब उनसे सवाल किया गया, तो उनकी बॉडी लैंग्वेज और चेहरे की घबराहट ने अधिकारियों को सतर्क कर दिया।
जांच के बाद जो खुलासा हुआ वो चौंकाने वाला था — रान्या के शरीर के विभिन्न हिस्सों में छिपाकर 14.2 किलो सोना लाया जा रहा था, जिसकी कीमत करीब ₹12.56 करोड़ रुपये थी। रान्या को तत्काल हिरासत में ले लिया गया और तब से वे जेल में बंद हैं।
इस मामले में रान्या के साथ तरुण राजू और साहिल सकरिया नामक दो अन्य आरोपी भी गिरफ्तार किए गए हैं। शुरू में 20 मई को बेंगलुरु की एक अदालत ने तकनीकी आधार पर (DRI द्वारा चार्जशीट समय पर दाखिल न कर पाने के कारण) इन्हें डिफॉल्ट जमानत दी थी। लेकिन COFEPOSA के तहत कार्रवाई करते हुए सरकार ने उन्हें हिरासत में ही रखने का फैसला किया।
COFEPOSA की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सिर्फ शक के आधार पर भी एक व्यक्ति को बिना ट्रायल के एक साल तक हिरासत में रखा जा सकता है। यही कारण है कि रान्या को जमानत मिलने के बावजूद जेल से रिहाई नहीं मिल सकी।
सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि रान्या 2023 से 2025 के बीच दुबई अकेले 34 बार गई थीं। खुद को मॉडलिंग और रियल एस्टेट बिजनेस से जुड़ा बताने वाली रान्या ने जांच एजेंसियों को भ्रमित करने की कोशिश की, लेकिन डीआरआई, ईडी और CBI की संयुक्त जांच में उनके अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की परतें खुलती गईं।
इस हाई-प्रोफाइल केस में रान्या के खिलाफ सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 135 और 104, और अब COFEPOSA के तहत रोकथामात्मक हिरासत लागू कर दी गई है। इस पर कार्यवाही धारा 108 के तहत भी चल रही है।
विशेष बात यह है कि रान्या कोई साधारण नागरिक नहीं हैं, बल्कि वे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के. रामचंद्र राव की सौतेली बेटी भी हैं, जिससे यह मामला और ज्यादा चर्चित हो गया है।
फिलहाल रान्या राव बेंगलुरु की सेंट्रल जेल में बंद हैं और अब आने वाले एक साल तक वहां से बाहर निकलने की कोई संभावना नहीं है। इस मामले ने ना सिर्फ साउथ फिल्म इंडस्ट्री बल्कि कानून व्यवस्था, एयरपोर्ट सिक्योरिटी और हाई-प्रोफाइल तस्करी रैकेट्स पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।