जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 19-20 अक्टूबर को “सड़क और पुल निर्माण के क्षेत्र में उभरती नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकों’’ पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन होने जा रहा है। इस सेमिनार में सड़क और पुल निर्माण की नई तकनीकों, सामग्रियों और अनुबंधों के कार्यान्वयन पर विशेषज्ञ अपने अनुभव और सुझाव देंगे। सेमिनार में सरकारी और निजी क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर उनके अनुभव और नवाचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा। इससे प्रदेश की अवसंरचना परियोजनाओं को नई दिशा और ताकत मिलेगी।
बता दें, भारतीय सड़क कांग्रेस और मध्यप्रदेश शासन के लोक निर्माण विभाग के सहयोग से आयोजित हो रहे इस सेमिनार का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी शनिवार को भोपाल के रवीन्द्र भवन में करेंगे। सेमिनार में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित रहेंगे।
इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में सड़क और पुल निर्माण की गुणवत्ता को सुधारना है और नई तकनीकों से समय पर टिकाऊ इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है।
सेमिनार को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस दो दिन के सेमिनार से मध्यप्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को नई ऊर्जा मिलेगी। यह आयोजन राज्य की निर्माण परियोजनाओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगा। सेमिनार में कई तकनीकी सत्र होंगे, जहां देशभर से आए विशेषज्ञ नई तकनीकों, निर्माण सामग्रियों और ईपीसी अनुबंधों की चुनौतियों पर अपने विचार साझा करेंगे।
19 अक्टूबर को इन विषयों पर होगी चर्चा
सेमिनार के पहले दिन 19 अक्टूबर को चर्चा का मुख्य विषय प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में नई तकनीकों का इस्तेमाल, पुल बनाने में नई मशीनरी का प्रयोग और सड़क निर्माण में नई सामग्रियों का उपयोग होगा। इसके अलावा, सड़क सुरक्षा, परियोजनाओं की निगरानी के लिए आईटी तकनीकों का इस्तेमाल और सीमांत सामग्रियों के उपयोग पर भी गहराई से विचार किया जाएगा।
20 अक्टूबर को इन विषयों पर होगी चर्चा
अगले दिन 20 अक्टूबर को ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) अनुबंधों की संरचना, शेड्यूलिंग और ठेकेदारों की भूमिका पर गहरी चर्चा होगी। इसमें अनुबंधों से जुड़े विवादों और चुनौतियों के समाधान पर भी बात की जाएगी। समापन सत्र में विभिन्न विशेषज्ञ और प्रतिनिधि पैनल चर्चा के जरिए सड़क और पुल निर्माण में नई तकनीकों के इस्तेमाल पर अपने विचार साझा करेंगे।