जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
देश के सबसे पवित्र और अनुशासित मंदिरों में से एक आंध्र प्रदेश के तिरुमाला स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर, जिसे आमतौर पर तिरुपति बालाजी मंदिर कहा जाता है, वहां से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। 22 मई को मंदिर परिसर के अंदर एक व्यक्ति के नमाज पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने धार्मिक मान्यताओं, परंपराओं और सुरक्षा व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह वीडियो मंदिर परिसर के कल्याण मंडपम का बताया जा रहा है, जहां एक मुस्लिम व्यक्ति सार्वजनिक रूप से नमाज अदा करता नजर आ रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरी घटना के दौरान न मंदिर प्रशासन के किसी कर्मचारी ने उसे रोका, न ही आस-पास मौजूद श्रद्धालुओं ने कोई आपत्ति जताई। यही कारण है कि अब तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
जैसे ही यह मामला सोशल मीडिया पर उछला, तिरुपति के एसपी हर्षवर्धन राजू स्वयं मौके पर पहुंचे और मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि वह व्यक्ति एक श्रद्धालु ग्रुप के साथ मंदिर आया था और तमिलनाडु नंबर (TN 83 T 6705) की कार से आया था। बताया जा रहा है कि वह कार का ड्राइवर था और उसी दौरान उसने मंदिर परिसर में नमाज पढ़ी। यह पूरी घटना मंदिर के सीसीटीवी कैमरों में कैद हो चुकी है।
अब तिरुमाला पुलिस उस शख्स की तलाश कर रही है, लेकिन ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वह व्यक्ति घटना के बाद तिरुमाला छोड़कर जा चुका है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि यह व्यक्ति जानबूझकर ऐसा करने आया था या उसे मंदिर परिसर के नियमों की जानकारी नहीं थी।
तिरुपति बालाजी मंदिर में गैर-हिंदू श्रद्धालुओं के प्रवेश को लेकर स्पष्ट नियम हैं। गैर-हिंदू यदि भगवान वेंकटेश्वर में आस्था रखते हैं और दर्शन करना चाहते हैं तो उन्हें पहले वैकुंठम क्यू कॉम्प्लेक्स के 17वें कक्ष में जाकर एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करना होता है। इस पत्र में उन्हें मंदिर की परंपराओं का सम्मान करने और पूरी श्रद्धा से दर्शन करने की घोषणा करनी होती है।
हालांकि, 2020 में TTD के तत्कालीन अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने यह प्रथा हटाने का विवादास्पद निर्णय लिया था। लेकिन बाद में हुए भारी विरोध और विवादों के चलते यह नियम दोबारा लागू किया गया। इस पृष्ठभूमि में यह सवाल बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि क्या उक्त व्यक्ति ने घोषणापत्र भरा था या नहीं? और यदि नहीं भरा तो वह परिसर तक कैसे पहुंचा?
तिरुपति मंदिर इससे पहले भी कई बार विवादों में आ चुका है। ताजा मामला मंदिर में प्रयोग होने वाले घी और लड्डू निर्माण से जुड़ा है। जुलाई 2023 में कर्नाटक को-ऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) ने ट्रस्ट को रियायती दरों पर घी देना बंद कर दिया था, जिसके बाद YSR कांग्रेस सरकार ने 5 अन्य कंपनियों को घी सप्लाई का काम सौंपा। इनमें से एक तमिलनाडु की AR डेयरी फूड्स है, जिसके प्रोडक्ट में मिलावट पाई गई थी।
18 सितंबर 2024 को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने यह सनसनीखेज आरोप लगाया कि YSRCP सरकार के कार्यकाल में मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी वाला वनस्पति तेल और फिश ऑयल मिलाया गया था। इससे पहले ही लोगों में मंदिर प्रशासन को लेकर नाराजगी थी और अब नमाज पढ़ने की घटना ने आग में घी डालने का काम किया है।