जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल का जम्बूरी मैदान 31 मई 2025 को इतिहास रचने जा रहा है, जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर आयोजित भव्य महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह महासम्मेलन न केवल महिला शक्ति को समर्पित होगा, बल्कि इसके माध्यम से प्रधानमंत्री मध्यप्रदेश को विकास की अनेक सौगातें भी देंगे।
सुबह 10:30 बजे भोपाल पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ठीक 11:00 बजे इस ऐतिहासिक महासम्मेलन में शामिल होंगे, जिसमें उनके साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तथा केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री द्वारा लोकमाता देवी अहिल्याबाई को समर्पित विशेष डाक टिकट और ₹300 मूल्यवर्ग का देश का पहला स्मारक सिक्का जारी किया जाएगा, जिसकी विशेषता यह है कि इसमें 50% चांदी होगी और इस पर अहिल्याबाई का चित्र अंकित रहेगा। यह ₹300 का सिक्का देश-दुनिया में जारी होने वाला अपनी तरह का पहला सिक्का होगा।
प्रधानमंत्री मोदी इस मौके पर एक महिला कलाकार को राष्ट्रीय ‘देवी अहिल्याबाई पुरस्कार’ से सम्मानित करेंगे, जिन्होंने लोक, आदिवासी और पारंपरिक कलाओं के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। साथ ही वे संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित ‘अहिल्याबाई के सुशासन, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक योगदान’ पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन करेंगे।
महासम्मेलन की सबसे विशेष बात यह होगी कि इसकी संपूर्ण व्यवस्थाएं महिलाएं ही संभालेंगी — मंच संचालन से लेकर व्यवस्थापन तक हर मोर्चे पर महिला शक्ति की भूमिका प्रमुख होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वयं शुक्रवार की शाम आयोजन स्थल पर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया और महिला स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने इसे “नारी शक्ति को समर्पित एक ऐतिहासिक क्षण” बताया।
प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर भोपाल से वर्चुअल माध्यम से कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन भी करेंगे। इनमें इंदौर मेट्रो के सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर की शुरुआत, दतिया और सतना एयरपोर्ट का लोकार्पण, उज्जैन में सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के तहत ₹778 करोड़ की लागत से घाट निर्माण का भूमि पूजन, और क्षिप्रा-कान्ह नदियों पर बैराज तथा स्टॉप डेम का शिलान्यास शामिल है।
इंदौर मेट्रो का उद्घाटन इस शहर को एक नए युग में प्रवेश कराएगा। यह 31.32 किलोमीटर लंबी मेट्रो परियोजना, जिसमें 22.62 किमी एलीवेटेड और 8.7 किमी भूमिगत ट्रैक है, शहर को न केवल प्रदूषण मुक्त बनाएगी, बल्कि यात्रियों को एक आरामदायक, सुरक्षित और तेज यात्रा का अनुभव भी देगी। उद्घाटन के लिए तैयार 6 किमी सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर में 5 प्रमुख स्टेशन शामिल हैं और इसकी लागत 1520 करोड़ रुपए है।
दूसरी ओर, दतिया एयरपोर्ट, जो 60 करोड़ की लागत से 124 एकड़ में बना है, न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा देगा बल्कि इस क्षेत्र को विकास की नई उड़ान भी देगा। वहीं, सतना एयरपोर्ट को ₹37 करोड़ की लागत से आधुनिक रूप दिया गया है, जो पूरे विंध्य क्षेत्र में पर्यटन, शिक्षा, उद्योग और स्वास्थ्य सुविधाओं को गति देगा।
महासम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी 483 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 1271 “अटल ग्राम सुशासन भवनों” के लिए पहली किश्त का अंतरण भी करेंगे। ये पंचायत भवन गांवों में स्थायी प्रशासनिक ढांचे के रूप में कार्य करेंगे और ग्रामीण प्रशासन को मजबूती प्रदान करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस महासम्मेलन को महिला सशक्तिकरण की दिशा में “एक अनूठा और ऐतिहासिक अवसर” बताया है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की मातृशक्ति को श्रद्धांजलि है — उन मूल्यों और सिद्धांतों की जो लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर ने स्थापित किए थे। देवी अहिल्याबाई का शासनकाल आज भी शिक्षा, धर्म, सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। बता दें, कार्यक्रम स्थल पर “देश की अहिल्याएं” नामक प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जिसमें महिलाओं द्वारा निर्मित और प्रबंधित उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया और महिलाओं के साथ संवाद कर उन्हें प्रोत्साहित किया।