MP : पहली बार जन्माष्टमी पर खुलेंगे स्कूल और कॉलेज, शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया :

मध्यप्रदेश में इस बार धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने सभी शासकीय और अशासकीय स्कूलों की छुट्टी कैंसिल कर दी है।

इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से आदेश भी जारी किया गया है. आदेश में यह कहा गया है कि इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी स्कूलों और कॉलेजों में भी मनाई जाएगी. स्कूल शिक्षा विभाग से जारी आदेश के अनुसार, जन्माष्टमी के दिन स्कूलों में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा और मित्रता के प्रसंगों पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

जन्माष्टमी के अवसर पर भोपाल में लखेरापुरा से निकलने वाले चल समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल होंगे।

इससे पहले राज्य सरकार ने 26 अगस्त को जन्माष्टमी पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था। बता दें, मध्य प्रदेश में जन्माष्टमी के अवसर पर हर साल शैक्षणिक संस्थाओं की छुट्टी घोषित रहती है.

बता दे, इस बार पुरे मध्यप्रदेश में शासकीय स्तर पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से इसके लिए आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। जारी आदेश में कहा गया है की मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में 07 अगस्त 2024 को आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान सम्पूर्ण प्रदेश आगामी 26 अगस्त 2024 को जन्माष्टमी पर्व के आयोजन के संदर्भ में दिये गये निर्देशों के संबंध में बिन्दुआर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

आदेश में दिए गए बिन्दुआर –

1. प्रत्येक जिले में भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों की साफ-सफाई कार्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये।
2. भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा एवं मित्रता के प्रसंग तथा जीवन दर्शन पर आधारित विभिन्न विषयों पर विद्वानों के माध्यम से सभी शासकीय / अशासकीय स्कूल / कॉलेज में व्याख्यान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराये जावें।
3. प्रदेश के ऐसे स्थल जहाँ भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में जुड़े विशेष प्रसंग रहे हैं जैसे कि जानापावा (देवास), अमझेरा (धार), नारायणा एवं संदीपनी आश्रम (उज्जैन) में प्रसंगो के अनुकूल जन्माष्टमी के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जावें।
4. शास्त्र सम्मत मंदिर निर्माण के स्थापत्य एवं उनकी विशिष्टयों को इन अवसरों पर प्रचारित प्रसारित किया जावे।
5. हमारे गौरवशाली इतिहास के प्रसंगो / कथानकों/आख्यानों से सभी वर्गों को अवगत कराने हेतु समुचित कार्यवाही की जावे।
6. जन्माष्टमी के अवसर पर सभी शासकीय/अशासकीय विद्यालयों / महाविद्यालयों में भारतीय विशिष्ट परंपराओं, योग आदि पर व्याख्यान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जावे।

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