पर्यावरण की शुद्धता पर सीएम मोहन यादव सख्त, बोले – “स्वच्छ पर्यावरण सिर्फ सरकार नहीं, समाज की भी जिम्मेदारी”: उज्जैन–जबलपुर में जल्द खुलेगा जू कम रेस्क्यू सेंटर, भोपाल के बड़े तालाब में चलेंगे शिकारे!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में हुई पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक में साफ कहा कि स्वच्छ पर्यावरण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग मिलकर ठोस कार्ययोजना बनाएं और जल–वायु की शुद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

सीएम ने कहा कि अगर पानी और हवा स्वच्छ रहेगी, तभी संपूर्ण पर्यावरण सुरक्षित रहेगा और हर नागरिक का जीवन स्वस्थ व समृद्ध हो सकेगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पर्यावरण संरक्षण से जुड़े संदेश समाज तक प्रभावी ढंग से पहुंचें और यह जनभागीदारी का बड़ा अभियान बने।

उज्जैन–जबलपुर में जल्द खुलेगा जू कम रेस्क्यू सेंटर

बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उज्जैन और जबलपुर में जू कम रेस्क्यू सेंटर की स्थापना कार्य में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि यह केवल संस्थान नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरणीय जिम्मेदारी का प्रतीक होगा।

साथ ही, उन्होंने भोपाल के बड़े तालाब में श्रीनगर की डल झील की तरह शिकारे चलाने की योजना को जल्द अमल में लाने के निर्देश दिए। उनका मानना है कि यह न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।

बढ़ते तापमान से निपटने के लिए एक्शन प्लान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर और खजुराहो जैसे बड़े शहरों में हीट कंट्रोल प्लान तैयार किया जाए और समयबद्ध क्रियान्वयन हो। यह योजना शहरी क्षेत्रों को हीटवेव से बचाने और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए महत्वपूर्ण होगी।

उन्होंने इस बात पर गर्व जताया कि अमरकंटक, पचमढ़ी और पन्ना पहले से ही यूनेस्को बायोस्फियर रिजर्व हैं। अब कान्हा, पेंच और बांधवगढ़ को भी इस सूची में शामिल कराने की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए।

भोपाल में बनेगा देश का पहला बायोडायवर्सिटी पार्क

बैठक में अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण अशोक वर्णवाल ने जानकारी दी कि भोपाल के शाहपुरा क्षेत्र में 100 हेक्टेयर जमीन पर स्टेट-ऑफ-द-आर्ट बायोडायवर्सिटी पार्क तैयार किया जाएगा।
यह संभवतः देश का पहला ऐसा पार्क होगा, जो जैव विविधता संरक्षण का मॉडल बनेगा। इस पर सीएम ने जोर देकर कहा कि भोपाल को एक नई पहचान देने वाले इस प्रोजेक्ट को तेज़ी से पूरा किया जाए।

प्रदूषण पर नियंत्रण और नई योजनाएं

बैठक में यह भी सामने आया कि मध्यप्रदेश में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की संख्या घटी है। साथ ही, नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में पहले से शामिल सात शहरों के साथ मंडीदीप, सिंगरौली और पीथमपुर को भी जोड़े जाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
सीएम ने विशेष रूप से उज्जैन की विक्रम उद्योगपुरी में प्रदूषण नियंत्रण की ठोस योजना बनाने पर जोर दिया।

विभाग ने बताया कि पिछले छह महीनों में यूनियन कार्बाइड के अपशिष्ट का सुरक्षित निपटान किया गया है और रियल-टाइम क्रॉप बर्निंग मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर भी विकसित किया गया है। अब इसकी जानकारी सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध होगी।

नदियों और रामसर साइट्स का दस्तावेजीकरण

बैठक में कहा गया कि मध्यप्रदेश की 247 नदियों का वैज्ञानिक दस्तावेजीकरण कराया जाएगा। इसके अलावा राज्य की पांच रामसर साइट्स—भोज वेटलैंड (भोपाल), सिरपुर, यशवंत सागर (इंदौर), तवा जलाशय (नर्मदापुरम) और साख्य सागर (शिवपुरी)—का जैव विविधता सर्वे जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से कराया जा रहा है।

हरित मध्यप्रदेश मिशन पर काम तेज़

सीएम ने निर्देश दिया कि हरित मध्यप्रदेश मिशन को अगले तीन महीनों में ठोस स्वरूप देकर शासन को प्रस्तुत किया जाए। इसमें पर्यावरण विभाग के साथ–साथ वन और कृषि विभाग को भी जोड़ा जाएगा ताकि मिशन व्यापक रूप से लागू हो सके।

बैठक का सार यही रहा कि मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण को प्रदेश के स्वस्थ भविष्य से सीधे जोड़ा और साफ कहा कि यह केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज और सरकार का साझा अभियान होना चाहिए।

बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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