जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने गुरुवार से अगले चार दिन कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर एरिया और मानसून ट्रफ की सक्रियता से प्रदेश में मौसम का मिजाज बदलने लगा है।
10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट में अगले 24 घंटे में ढाई से साढ़े 4 इंच तक बारिश का अनुमान जताया है। वहीं भोपाल और इंदौर में रिमझिम बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
प्रदेश के अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश
भोपाल, उज्जैन, इंदौर, सागर, शाजापुर, मंदसौर, धार, रतलाम, श्योपुर और जबलपुर सहित कई जिलों में बुधवार को हल्की बारिश दर्ज की गई। भोपाल में दिनभर धूप रही लेकिन शाम को बादलों ने डेरा डाल दिया और कुछ इलाकों में बूंदाबांदी हुई।
पिछले 24 घंटे का बारिश का रिकॉर्ड
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सिवनी – सबसे ज्यादा 3 इंच बारिश
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रतलाम – 2.2 इंच
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छिंदवाड़ा – 1.1 इंच
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शिवपुरी – 1 इंच
इसके अलावा इंदौर, उज्जैन और श्योपुर में भी आधा इंच तक पानी गिरा।
उज्जैन में क्षिप्रा नदी उफान पर
गुरुवार सुबह हुई तेज बारिश के बाद उज्जैन में क्षिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। घाटों पर बने कई मंदिर पानी में डूब गए हैं। वहीं धार के मनावर में सुबह से तेज बारिश हुई, जिससे स्कूल-कॉलेज और दफ्तर जाने वालों को दिक्कतें हुईं।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
सीनियर वैज्ञानिक के अनुसार –
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बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया एक्टिव हो रहा है।
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प्रदेश के बीचोंबीच से एक मानसून ट्रफ गुजर रही है।
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अगले कुछ दिन में इसका असर पूरे मध्यप्रदेश में देखने को मिलेगा।
प्रदेश में अब तक की बारिश की स्थिति
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अब तक औसत बारिश – 35.9 इंच (6.7 इंच ज्यादा)
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सामान्य औसत बारिश – 37 इंच (97% कोटा पूरा)
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गुना – 53.8 इंच
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मंडला – 53.1 इंच
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अशोकनगर – 50.5 इंच
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शिवपुरी – 49.9 इंच
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रायसेन – 49.6 इंच
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सबसे कम बारिश वाले जिले – इंदौर (16.5 इंच), बुरहानपुर (19 इंच), खरगोन (19.1 इंच), खंडवा (19.6 इंच), बड़वानी (20.1 इंच)
उज्जैन की बारिश का रिकॉर्ड
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अगस्त 2006 – 35 इंच (रिकॉर्ड)
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10 अगस्त 2006 – 24 घंटे में 12 इंच (रिकॉर्ड)
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अगस्त की औसत बारिश – 10 इंच
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हर साल औसतन 10-11 दिन बारिश होती है
इसका मतलब यह है कि इस बार मध्यप्रदेश में मानसून न सिर्फ समय पर सक्रिय हुआ है बल्कि औसत से ज्यादा बारिश भी दे चुका है। अगले कुछ दिन और बारिश होने से प्रदेश का “बारिश का कोटा” पूरा होने के साथ ही कई जिलों में जलस्तर और बढ़ सकता है।