जबलपुर को मिला तोहफ़ा: गडकरी और CM यादव ने किया 7 KM लंबे फ्लाईओवर का लोकार्पण, गडकरी बोले – “घोषणा की तो काम भी करना पड़ेगा”; 4,250 करोड़ की 9 परियोजनाओं का भी हुआ शिलान्यास!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

जबलपुर ने शनिवार को एक ऐतिहासिक पल देखा, जब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर का लोकार्पण किया। 6.855 किलोमीटर (करीब 7 किमी) लंबा यह फ्लाईओवर वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर समर्पित किया गया है। इस अवसर पर 4,250 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 174 किलोमीटर लंबी 9 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया गया।

इस फ्लाईओवर के शुरू होने से मदनमहल से दमोह नाका तक की दूरी, जो पहले 40 से 45 मिनट में तय होती थी, अब महज 6 से 8 मिनट में पूरी की जा सकेगी। यह न केवल समय और ईंधन की बचत करेगा, बल्कि शहर में प्रदूषण के स्तर को भी कम करेगा। व्यापारिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी और जबलपुर एक आधुनिक यातायात मॉडल के रूप में देश के अन्य शहरों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

फ्लाईओवर की विशेषताएं

  • लागत – 1,052 करोड़ रुपये

  • लंबाई – 6.855 किलोमीटर (मध्यप्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर)

  • तकनीकी आकर्षण – 192 मीटर लंबा सिंगल स्पान केबल-स्टे ब्रिज (रेल मार्ग के ऊपर निर्मित)

  • बो-स्ट्रिंग ब्रिज – कुल 3 (दो रानीताल क्षेत्र में और एक बलदेवबाग में)

  • निर्माण सामग्री – पूरी तरह स्टील से निर्मित 70 मीटर लंबे पुल

यह परियोजना आधुनिक इंजीनियरिंग और तकनीक का बेहतरीन उदाहरण है, जिसे न केवल जबलपुर बल्कि पूरे देश में एक प्रेरणादायी मॉडल के रूप में देखा जा रहा है।

गडकरी का बयान: “घोषणा की तो काम भी करना पड़ेगा”

नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि जबलपुर का यह फ्लाईओवर देश में पहली बार सेंट्रल रिजर्व फंड (CRF) से इतने बड़े पैमाने पर स्वीकृत हुआ है। उन्होंने बताया कि 2019 में भूमिपूजन हुआ था और उस समय इसकी लागत 800 करोड़ रुपये आंकी गई थी, जो अब बढ़कर लगभग 1,100 करोड़ रुपये हो गई।

गडकरी ने कहा—

“कमलनाथ जी से निवेदन किया था कि सीआरएफ में प्रपोजल भेज दीजिए, मैं राष्ट्रीय राजमार्ग से दोगुना पैसा दूंगा। उन्होंने भेजा और आज यह शानदार फ्लाईओवर जनता को मिला है। अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने कहा था कि अच्छे रास्तों से ही कोई देश अमीर बनता है। वही दृष्टिकोण अब भारत में भी अपनाया जा रहा है।”

राकेश सिंह: “देश में कहीं इतनी बड़ी राशि केंद्रीय फंड से नहीं दी गई”

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि यह ब्रिज जबलपुर को नई पहचान देगा। उन्होंने गडकरी को “वास्तुकार” बताते हुए कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में मध्यप्रदेश नई सक्सेस स्टोरी लिख रहा है।

राकेश सिंह ने कहा—

“यदि मोदी जी का नेतृत्व, गडकरी जी का संकल्प और प्रदेश में भाजपा की सरकार न होती, तो यह ब्रिज नहीं बन पाता। अधिकारियों ने तो मना कर दिया था, लेकिन गडकरी जी ने बैठकें कर रास्ता निकाला। देश में पहली बार किसी फ्लाईओवर के लिए इतनी बड़ी राशि केंद्रीय फंड से दी गई है।”

बता दें, फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान कई बार विवाद खड़े हुए।

  1. 7 महीने पहले दरार – ब्रिज की ऊपरी परत में क्रैक आने से गुणवत्ता पर सवाल उठे। जांच दल गठित कर निरीक्षण कराया गया।

  2. कांग्रेस का “प्री-लोकार्पण” – दो माह पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मदनमहल पहुंचकर खुद उद्घाटन की कोशिश की, जिसे पुलिस ने पानी की बौछार कर रोक दिया। उनका आरोप था कि राजनीतिक खींचतान की वजह से जनता फ्लाईओवर का लाभ नहीं उठा पा रही।

जबलपुर को मिली और सौगातें

फ्लाईओवर के अलावा जबलपुर को कई और बड़ी सड़क परियोजनाओं की सौगातें भी मिलीं—

  • 117 किलोमीटर लंबा रिंग रोड – लागत करीब 4,000 करोड़ रुपये

  • दो लॉजिस्टिक पार्क – रिंग रोड पर

  • बिलासपुर के लिए नई सड़क – अमरकंटक से होकर

  • केबल कार और आईकोनिक ब्रिज की घोषणा

  • जबलपुर में हवाई जहाज जैसी सुविधाओं वाली बस सेवा

  • भविष्य में टाइगर सर्किट और टाइगर एक्सप्रेस वे पर भी जोर

इस फ्लाईओवर और अन्य परियोजनाओं के साथ जबलपुर अब केवल एक ऐतिहासिक-सांस्कृतिक केंद्र नहीं, बल्कि आधुनिक महानगरीय स्वरूप में तेजी से उभर रहा है। फ्लाईओवर शहर की पहचान को नया रूप देगा और आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा प्रदान करेगा।

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