ग्वालियर के नशामुक्ति केंद्र में PNB अफसर की हत्या: पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला राज, शरीर पर 16 चोटें, सिर और पसलियां तोड़ीं; मौत से पहले पत्नी-बेटी से हुई आखिरी मुलाकात!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

ग्वालियर में नशा मुक्ति केंद्र में पंजाब नेशनल बैंक के फील्ड ऑफिसर पंकज शर्मा की मौत का मामला लगातार गहराता जा रहा है। डिटेल पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इस मौत की असल वजह सामने ला दी है। रिपोर्ट के अनुसार, पंकज के शरीर पर सिर से लेकर पांव तक 16 गंभीर चोटों के निशान थे। इनमें सबसे घातक चोटें सिर और पसलियों पर पाई गईं, जो उनकी मौत का कारण बनीं।

सिर और पसलियों पर सबसे गहरी चोटें

तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट के मुताबिक माथे के बीचोंबीच 3×2 सेंटीमीटर का ताजा घाव था। जब डॉक्टरों ने सिर का विच्छेदन किया, तो पाया कि सिर के आगे और ऊपर बड़े घाव और सूजन मौजूद थी। यह घाव स्पष्ट तौर पर डंडे और घूसे से मारने पर हुए थे।

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि पंकज की 7वीं और 8वीं पसलियां टूट चुकी थीं। बाएं फेफड़े पर कई घाव मिले, जिनका आकार 1 से 5 सेंटीमीटर तक था। डॉक्टरों का कहना है कि चोटों का पैटर्न देखकर साफ लगता है कि उन्हें बांधकर बेरहमी से पीटा गया था। सिर की तीन चोटें और फेफड़े की छह चोटें ही उनकी मौत का सीधा कारण बनीं।

चश्मदीदों ने बताया- “नंगा कर डंडों से पीटा गया”

नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती सतेन्द्र सिंह चौहान ने पुलिस को बताया कि 12 अगस्त की रात पंकज समेत 7-8 लोग बिना बताए वहां से भाग गए थे। अगले दिन केंद्र के संचालक और उनके साथी उन्हें पकड़कर वापस ले आए।

रात करीब 1:30 बजे पंकज को ‘मास्टरमाइंड’ मानकर निर्वस्त्र किया गया और हाथ-पैर बांधकर बेरहमी से पीटना शुरू किया गया। चश्मदीदों के अनुसार, डंडे, लात और घूसों से पिटाई इतनी ज्यादा थी कि उनकी चीखें धीरे-धीरे सिसकियों में बदल गईं और कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।

“मेरी आंखों के सामने उसे मार-मार कर खत्म कर दिया”

केंद्र में ही भर्ती दीपक राजावत ने भी पुलिस को गवाही दी। उसने कहा कि पंकज को पहले नंगा किया गया, फिर हाथ-पैर बांधकर लगातार डंडे बरसाए गए। वह रोता रहा, मिन्नतें करता रहा लेकिन आरोपी रुके नहीं। दीपक ने कहा—
“अगर हम बीच में बोलते तो हमें भी पीटते। हमें भी बंधक बनाकर रखा गया था। पंकज बिल्कुल निर्दोष था, उसकी हत्या की गई है।”

मौत से पहले पत्नी-बेटी से हुई आखिरी मुलाकात

पंकज की शादी मुरार निवासी अनुकृति कटारे से हुई थी और उनकी एक छोटी बेटी भी है। घटना से एक दिन पहले पंकज नशा मुक्ति केंद्र से भागकर घर आए और पत्नी-बेटी से मिले थे। पत्नी ने कहा—
“किसी ने नहीं सोचा था कि यह उनकी आखिरी मुलाकात होगी।”

मामा केशव दत्त शर्मा ने बताया कि पंकज पूरी तरह स्वस्थ था, लेकिन पोस्टमार्टम में उसके पूरे शरीर पर गंभीर चोटों के निशान साफ देखे गए।

कैसे बढ़ा मामला?

मुरार के त्यागी नगर निवासी पंकज शर्मा (33) पीएनबी की क्रेडिट शाखा में फील्ड ऑफिसर थे। कुछ समय से वह नशे की लत का शिकार हो गए थे। 25 जुलाई को परिजनों ने उन्हें महाराजपुरा स्थित मिनी गोल्डन संस्कार नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था।

12 अगस्त को वे साथियों के साथ वहां से भाग निकले। परिजन ने नशा मुक्ति केंद्र को इसकी सूचना दी। इसके बाद संचालक विशाल कांकर और हर्ष शिंदे पंकज को फिर अपने साथ ले गए। अगले दिन उन्होंने परिजनों को फोन कर बताया कि पंकज की तबीयत बिगड़ गई है और वह अस्पताल में भर्ती है। लेकिन जब परिजन पहुंचे तो पंकज पहले ही मृत पाया गया।

सीएसपी महाराजपुरा नागेन्द्र सिंह सिकरवार ने बताया कि शुरुआती जांच से ही मौत संदिग्ध लगी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद साफ हो गया कि पंकज को बुरी तरह पीटा गया था।

पुलिस ने नशा मुक्ति केंद्र के संचालक विशाल कांकर, हर्ष शिंदे, और उनके साथियों रवि तोमर, धर्मेंद्र जादौन और कृष्ण मुरारी दीक्षित के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। इनमें से रवि तोमर गिरफ्तार हो चुका है, जबकि चार आरोपी अब भी फरार हैं। पुलिस का कहना है कि बाकी आरोपियों की तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें भी पकड़ लिया जाएगा।

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