मध्यप्रदेश कांग्रेस ने घोषित किए 71 जिला अध्यक्ष: कई जगहों पर उठे विरोध के स्वर, पार्टी ने जारी किया चेतावनी पत्र; कांग्रेस बोली– जिलाध्यक्षों की लिस्ट बनी निष्पक्ष, प्रदेशाध्यक्ष का नहीं रहा कोई दखल!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 16 अगस्त को अपने सभी संगठनात्मक जिलों के लिए अध्यक्षों की सूची जारी कर दी। पार्टी ने इस बार 71 जिलों में संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की कोशिश की है। घोषित सूची में 6 वर्तमान विधायक और 11 पूर्व विधायकों को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस नेतृत्व का कहना है कि यह नियुक्तियां पूरी तरह निष्पक्ष प्रक्रिया के तहत हुई हैं और इनमें प्रदेशाध्यक्ष का कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं रहा।

सूत्रों के अनुसार, कई जिलाध्यक्षों की नियुक्ति से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने स्वयं उनसे चर्चा की थी। ओंकार मरकाम, महेश परमार, जयवर्धन सिंह और विपिन वानखेड़े जैसे नेताओं से व्यक्तिगत बातचीत कर उनके विजन को ध्यान में रखा गया। राहुल गांधी की सहमति के बाद ही इन नेताओं को जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई।

हालांकि सूची जारी होने के बाद प्रदेश के कई जिलों में विरोध के स्वर भी सुनाई दिए। खासकर भोपाल जैसे प्रमुख जिलों में कुछ नेताओं ने नाराजगी जाहिर की। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, इस नाराजगी को लेकर पार्टी गंभीर है, लेकिन नेतृत्व का मानना है कि यह असंतोष भी संगठनात्मक मजबूती का संकेत है। मार्च 2024 में जब कई जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक पार्टी छोड़कर गए थे, उस समय कांग्रेस को झटका लगा था। वहीं अब कार्यकर्ताओं में जिलाध्यक्ष बनने की प्रतियोगिता देखी जा रही है, जिसे पार्टी सकारात्मक बदलाव मान रही है।

नई नियुक्तियों के साथ अभियान की तैयारी

जिला अध्यक्षों की घोषणा के साथ ही कांग्रेस ने प्रदेशव्यापी अभियान की रूपरेखा भी तैयार कर ली है। पार्टी 25 अगस्त से 5 सितंबर तक अलग-अलग शहरों में रैलियां आयोजित करेगी। इन रैलियों में वरिष्ठ नेताओं को जिलों का प्रभार सौंपा जाएगा। इसके अलावा मालवा क्षेत्र में एक बड़ी राज्य स्तरीय रैली प्रस्तावित है, जिसमें प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के कांग्रेसी नेता शामिल होंगे। कांग्रेस का कहना है कि यह अभियान लोकतंत्र को बचाने और चुनाव व्यवस्था में पारदर्शिता की मांग को लेकर चलाया जा रहा है। पार्टी का फोकस चुनाव आयोग की निष्पक्षता और कथित वोट चोरी जैसे मुद्दों पर होगा, जिन पर राहुल गांधी लगातार सवाल उठा रहे हैं।

अनुशासनहीनता पर सख्ती

जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद कई जिलों से बयानबाजी और विरोध सामने आने लगे। इसे देखते हुए प्रदेश कांग्रेस ने सख्त रुख अपनाया है। संगठन महामंत्री डॉ. संजय कामले ने चेतावनी पत्र जारी करते हुए कहा है कि पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर जिला अध्यक्षों की घोषणा की गई है। इसके बावजूद सोशल मीडिया या सार्वजनिक मंचों पर विरोध जताना घोर अनुशासनहीनता है। ऐसे नेताओं को 24 घंटे के भीतर अपनी टिप्पणियां हटाने के निर्देश दिए गए हैं, अन्यथा संगठनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

बता दें, जिलाध्यक्षों की घोषणा के कुछ ही समय बाद कांग्रेस को पहला झटका बुरहानपुर से लगा। यहां ग्रामीण जिलाध्यक्ष पद की दावेदारी करने वाले वरिष्ठ नेता हेमंत पाटिल ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि “मैं कार्यकर्ता हूं और कार्यकर्ता रहूंगा।” हेमंत पाटिल कांग्रेस में राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के जिला अध्यक्ष और जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता भी थे।

बड़े नेताओं को मिली जिम्मेदारी

घोषित सूची में कई बड़े नाम शामिल हैं। इंदौर शहर जिला कांग्रेस की कमान चिंटू चौकसे को सौंपी गई है, जबकि इंदौर ग्रामीण में विपिन वानखेड़े को जिम्मेदारी दी गई है। भोपाल शहर से प्रवीण सक्सेना और भोपाल ग्रामीण से अनोखी मानसिंह पटेल को दोबारा अध्यक्ष बनाया गया है।
गुना में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे और राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं उज्जैन शहर में मुकेश भाटी और उज्जैन ग्रामीण में महेश परमार को जिम्मेदारी मिली है।

महिलाओं और अल्पसंख्यक वर्ग को सीमित प्रतिनिधित्व

71 जिलाध्यक्षों की सूची में सिर्फ 4 महिलाओं को जगह दी गई है। अल्पसंख्यक वर्ग से पन्ना में अनीस खान और सतना शहर में आरिफ इकबाल सिद्दीकी को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।

कई नेताओं को बिना आवेदन के मिली कमान

इस पूरी प्रक्रिया में लगभग दो महीने तक प्रदेशभर में पर्यवेक्षकों ने कार्यकर्ताओं और नेताओं से रायशुमारी की थी। दिलचस्प बात यह है कि 15 ऐसे नेताओं को जिला अध्यक्ष बना दिया गया जिन्होंने न तो आवेदन किया था और न ही पर्यवेक्षकों के सामने दावेदारी जताई थी। लेकिन वरिष्ठ नेताओं से चर्चा और पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर उनके नाम सूची में जोड़े गए।

18 पुराने अध्यक्षों को दोबारा मौका

कांग्रेस ने 18 जिलाध्यक्षों को रिपीट भी किया है। इनमें बड़वानी से नानेश चौधरी, खरगोन से रवि नाईक, झाबुआ से प्रकाश रांका, शाजापुर से नरेश्वर प्रताप सिंह, उज्जैन शहर से मुकेश भाटी, विदिशा से मोहित रघुवंशी, सीहोर से राजीव गुजराती, भोपाल शहर से प्रवीण सक्सेना, भोपाल ग्रामीण से अनोखी पटेल, छिंदवाड़ा से विश्वनाथ ओक्टे, बालाघाट से संजय उईके, जबलपुर शहर से सौरभ शर्मा, सीधी से ज्ञान प्रताप सिंह, मैहर से धर्मेश घई, रीवा ग्रामीण से राजेंद्र शर्मा, टीकमगढ़ से नवीन साहू, अशोकनगर से राजेंद्र कुशवाहा और मुरैना ग्रामीण से मधुराज तोमर शामिल हैं।

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