महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन NDA के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित: जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद हो रहा उपराष्ट्रपति चुनाव, 21 अगस्त को करेंगे नामांकन!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। रविवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने औपचारिक ऐलान किया। राधाकृष्णन 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे, जबकि मतदान और नतीजे 9 सितंबर को घोषित होंगे।

क्यों हो रहा है उपराष्ट्रपति चुनाव?

यह चुनाव मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के कारण हो रहा है। धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, लेकिन उन्होंने 21 जुलाई की रात स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ दिया। ऐसे में अब देश को नया उपराष्ट्रपति मिलने जा रहा है।

सी.पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर

सी.पी. राधाकृष्णन (पूरा नाम चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन) का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ। वे 16 साल की उम्र में RSS से जुड़े और 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने।

  • 1996 में भाजपा तमिलनाडु सचिव बने

  • 1998 और 1999 में कोयंबटूर सीट से सांसद रहे

  • 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष रहे और इस दौरान 19,000 किमी लंबी रथयात्रा निकाली

  • 2016 से 2020 तक कॉयर बोर्ड के चेयरमैन रहे, उनके कार्यकाल में कॉयर निर्यात रिकॉर्ड ₹2,532 करोड़ तक पहुंचा

  • 2020 से 2022 तक भाजपा के केरल प्रभारी रहे

  • 2023 में झारखंड के राज्यपाल बने और तेलंगाना व पुडुचेरी का भी अतिरिक्त प्रभार संभाला

  • जुलाई 2024 से वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं

व्यक्तिगत जीवन और रुचियां

राधाकृष्णन की शिक्षा बीबीए (बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) में हुई है। वे खेलों में गहरी रुचि रखते हैं और कॉलेज के दिनों में टेबल टेनिस चैंपियन और लंबी दौड़ के धावक रहे। क्रिकेट और वॉलीबॉल भी उनके पसंदीदा खेलों में शामिल हैं। वे अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, जापान और सिंगापुर समेत 20 से ज्यादा देशों की यात्रा कर चुके हैं।उनका परिवार राजनीति से दूर है। उनकी पत्नी का नाम आर. सुमति है और उनके एक बेटा व एक बेटी हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया

उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सांसदों द्वारा किया जाता है। इस बार कुल 782 सांसद निर्वाचक मंडल में शामिल होंगे। बहुमत के लिए 391 वोट की जरूरत है।

चुनाव प्रक्रिया इस प्रकार है:

  1. अधिसूचना जारी (7 अगस्त)

  2. नामांकन दाखिल (21 अगस्त तक)

  3. नामांकन वापसी (25 अगस्त तक)

  4. प्रचार सीमित रहेगा क्योंकि मतदाता केवल सांसद हैं

  5. मतदान 9 सितंबर को होगा और उसी दिन परिणाम भी घोषित होंगे

NDA के पास बढ़त

संसद में मौजूदा समीकरण के अनुसार NDA के पास 422 सांसदों का समर्थन है, जबकि बहुमत के लिए 391 वोट ही जरूरी हैं। दूसरी ओर, I.N.D.I.A गठबंधन के पास 312 सांसद हैं। यानी एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन का जीतना लगभग तय माना जा रहा है।

उपराष्ट्रपति का महत्व

भारत का उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। यह राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और राष्ट्रपति की गैरमौजूदगी में उनके कार्यभार को संभालते हैं। कार्यकाल पूरा होने के बावजूद नए उपराष्ट्रपति के चुनाव तक वे पद पर बने रहते हैं।

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