जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में आपातकालीन सेवाओं को अधिक तेज, आधुनिक और नागरिक-केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में डायल-112 सेवा का औपचारिक शुभारंभ किया। डायल-100 की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाते हुए यह सेवा अब पुलिस, स्वास्थ्य, अग्निशमन, महिला हेल्पलाइन, साइबर क्राइम और अन्य सभी आपातकालीन सेवाओं को एक ही नंबर — 112 — पर उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समारोह में स्पष्ट कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने पुलिस को हर आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने और अपराध पर सख्त कार्रवाई करने की खुली छूट दी। “अगर कोई गलत काम करता है और कानूनी कार्रवाई की जरूरत है तो पुलिस को पूरी स्वतंत्रता है। जरूरत पड़ी तो जवानों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आपातकालीन सेवाओं में तकनीकी नवाचार और दक्षता पर जोर देते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी और अन्य इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों से भी पुलिस की निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणाली को जोड़ा जाएगा। साथ ही राजधानी में वीआईपी मूवमेंट के दौरान चेकिंग प्रक्रिया को आसान और तेज़ बनाने के लिए डोम-गेट सिस्टम जैसी सुविधाएं लागू करने की दिशा में भी कदम बढ़ाए गए हैं।
डायल-112: बहु-सेवा, एक नंबर
नई डायल-112 सेवा पुलिस (100), एम्बुलेंस (108), अग्निशमन (101), महिला हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेल मदद (139), हाईवे एक्सिडेंट रिस्पॉन्स (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन (181, 1098) जैसी सेवाओं को एकीकृत करती है। इसका संचालन अत्याधुनिक सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, भोपाल से किया जाएगा, जहां प्रशिक्षित कॉल-टेकर और डिस्पैच यूनिट के जरिए त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित होगी।
पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने बताया कि यह सेवा 972 करोड़ रुपये की पंचवर्षीय योजना के तहत शुरू की गई है और इसकी तैयारी वर्क ऑर्डर जारी होने के ढाई महीने के भीतर पूरी कर ली गई। नई प्रणाली में कॉलर की गोपनीयता बनाए रखने के लिए नंबर मास्किंग तकनीक, फ्लीट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर, बॉडी-वॉर्न कैमरा, रीयल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग, और डेटा एनालिटिक्स जैसी सुविधाएं जोड़ी गई हैं।
डायल-100 से डायल-112 तक का सफर
1 नवंबर 2015 को शुरू हुई डायल-100 भारत की पहली राज्य-व्यापी, केंद्रीकृत पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा थी। बीते दस वर्षों में इसने 8.99 करोड़ से अधिक कॉल प्राप्त किए, जिनमें से 2.07 करोड़ मामलों में कार्रवाई की गई। इसमें 19.71 लाख से अधिक महिला सुरक्षा प्रतिक्रियाएं, 12.48 लाख सड़क दुर्घटना सहायता, 27,112 लापता बच्चों की खोज, और 2.64 लाख आत्महत्या/अवसाद संबंधी मामलों में समय रहते हस्तक्षेप जैसी उपलब्धियां शामिल हैं।
नई सेवा की प्रमुख विशेषताएं
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प्रत्येक शिफ्ट में 100 एजेंट और 40 सीटों वाला डिस्पैच यूनिट
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PRI से SIP आधारित ट्रंक लाइन माइग्रेशन
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बिजनेस इंटेलिजेंस और MIS रिपोर्टिंग टूल्स
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चैटबॉट और मोबाइल ऐप के जरिए शिकायत व संवाद
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बायोमेट्रिक उपस्थिति सहित HRMS सॉफ्टवेयर
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पारदर्शिता के लिए FRV में डैशबोर्ड और कैमरा सिस्टम
मुख्यमंत्री ने कहा कि डायल-112 केवल प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि संभावित खतरों का पूर्वानुमान लगाकर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सक्रिय भूमिका निभाएगी। “यह सेवा मध्यप्रदेश में कानून-व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा को एक नए स्तर पर ले जाएगी,” उन्होंने कहा।