इंदौर में 13 वर्षीय बाल मुनि का चमत्कार: 300 सवालों के जवाब तुरंत, उल्टे और रैंडम क्रम में भी!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

इंदौर में रविवार को श्रद्धालुओं ने एक अद्भुत और दुर्लभ दृश्य का अनुभव किया, जब मात्र 13 वर्षीय बाल मुनि विजयचंद्र सागर ने अपनी अद्वितीय स्मरण शक्ति और ज्ञान का अद्भुत प्रदर्शन किया। रेसकोर्स रोड स्थित अभय प्रशाल स्टेडियम में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में उन्होंने करीब 300 सवालों के जवाब न केवल सही क्रम में, बल्कि उल्टे और रैंडम क्रम में भी बिना किसी कठिनाई के दिए। उनके जवाब देने का अंदाज और तत्परता, आधुनिक युग के किसी सुपरकंप्यूटर की गति और सटीकता की याद दिला रहे थे।

कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं ने उनसे कई कठिन और जटिल प्रश्न पूछे—जैसे भगवान मल्लिनाथ का जन्म कहां हुआ, शंखेश्वर तीर्थ किस स्थान पर स्थित है और पंच परावर्तन क्या है—जिनका उत्तर बाल मुनि ने सहज और सटीक रूप से दिया। एक श्रोता ने उनसे यह भी पूछा कि उन्हें यह असाधारण क्षमता प्राप्त करने में कितना समय लगा, जिस पर उन्होंने अपने जीवन की आध्यात्मिक यात्रा के अनुभव साझा किए।

विजयचंद्र सागर का जन्म राजस्थान के कोटा में हुआ। परिवारजनों के अनुसार, जब उन्होंने पहली बार बोलना सीखा तो उनका पहला शब्द “दीक्षा” था। मात्र आठ वर्ष की आयु में उन्होंने अपने गुरु का हाथ थाम लिया और कर्नाटक के मैसूर में शिक्षा प्राप्त करते हुए दस वर्ष की आयु में दीक्षा ग्रहण की। उनकी लगन और गहरी आस्था ने उन्हें अल्पायु में ही जिनशासन के प्रति पूर्ण समर्पित बना दिया। आज वे विश्व के पहले ऐसे बाल मुनि माने जा रहे हैं जो 300 से अधिक सवालों को एक साथ याद रखकर, उन्हें किसी भी क्रम में तुरंत दोहरा सकते हैं।

यह आयोजन तिलकेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ धार्मिक पारमार्थिक सार्वजनिक न्यास और सरस्वती साधना रिसर्च फाउंडेशन, अहमदाबाद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस समय प.पू. जैनाचार्य नयचंद्र सागर सूरीधर म.सा. के 29 शिष्य इंदौर के तिलक नगर उपाश्रय में चातुर्मास कर रहे हैं। इनमें से 12 शिष्य ऐसे हैं जिन्होंने गणिवर्य डॉ. अजीतचंद्र सागर म.सा. की प्रेरणा से शतावधान और सहस्त्रावधान का कठोर प्रशिक्षण लिया है। यह प्रशिक्षण उन्हें इतनी कुशाग्र स्मरण शक्ति और मानसिक एकाग्रता प्रदान करता है कि वे 100 से 1000 तक के प्रश्नों को बिना त्रुटि याद रखकर तुरंत दोहरा सकते हैं, चाहे बीच में कितने भी व्यवधान क्यों न हों।

कार्यक्रम में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को एक नोटबुक और पेन वाली किट दी गई, ताकि वे अपने पूछे गए सवाल और उत्तर का क्रम नोट कर सकें और उनका मिलान कर पाएं। इस अवसर पर राजस्थान के पूर्व खनिज मंत्री प्रमोद भाया जैन, देवास के सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी, महाराष्ट्र उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति कमल किशोर तांतेड़ सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

यह आयोजन गणिवर्य अजीतचंद्र सागर म.सा. की ऐतिहासिक उपलब्धि की याद भी दिलाता है, जब 1 मई 2023 को उन्होंने मुंबई के वर्ली स्टेडियम में 1000 सवालों को याद रखकर उसी क्रम और विभिन्न क्रमों में दोहराया था, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया। अब उनके शिष्य विजयचंद्र सागर म.सा. भी मात्र 13 वर्ष की आयु में इसी अद्भुत परंपरा को नई ऊंचाई पर पहुंचा रहे हैं।

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