जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल के रविंद्र भवन सभागार में मंगलवार को आयोजित मध्यप्रदेश शिखर खेल अलंकरण समारोह और 38वें नेशनल गेम्स 2025 के पदक विजेताओं के सम्मान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को भरपूर सराहा और कहा, “खिलाड़ी वह होता है जो सिर्फ मैदान में ही नहीं, जीवन के हर मोर्चे पर अनुशासन, पराक्रम और प्रेरणा का परिचायक बने। भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण भी इसी दृष्टि से हमारे महान खिलाड़ी और आदर्श हैं।”
इस समारोह में मध्यप्रदेश के 82 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने हाल ही में सम्पन्न हुए 38वें नेशनल गेम्स 2025 में प्रदेश के लिए पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इन खिलाड़ियों ने कुल 34 स्वर्ण, 25 रजत और 23 कांस्य पदक अर्जित किए। साथ ही खेल जगत में उत्कृष्ट योगदान के लिए 11 विक्रम पुरस्कार, 11 एकलव्य पुरस्कार, 3 विश्वामित्र पुरस्कार और 1 लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी प्रदान किया गया।
हर विधानसभा में बनेगा खेल स्टेडियम: खेल मंत्री की बड़ी घोषणा
समारोह में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा से प्रदेश सरकार हर विधानसभा क्षेत्र में एक खेल स्टेडियम की स्थापना करेगी, ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के खिलाड़ियों को समान अवसर और बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
उन्होंने कहा, “प्रदेश के युवा अब राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ा रहे हैं। आने वाले नेशनल गेम्स में हमारा लक्ष्य पहला स्थान हासिल करना है।”
खिलाड़ियों को मिला करोड़ों की सम्मान राशि
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 38वें नेशनल गेम्स 2025 के पदक विजेताओं को कुल 5 करोड़ 46 लाख रुपये की सम्मान निधि प्रदान की। यह सम्मान 18 खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को उनके योगदान के लिए दिया गया। मंच से खिलाड़ियों का अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं भी दीं और उनके साथ स्मृति स्वरूप सामूहिक फोटो भी खिंचवाई।
विक्रम पुरस्कार से नवाजे गए ये खिलाड़ी
राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त विक्रम पुरस्कार के अंतर्गत प्रत्येक खिलाड़ी को 2 लाख रुपये की सम्मान राशि और प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उन खिलाड़ियों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इस वर्ष विक्रम पुरस्कार पाने वालों में शामिल हैं:
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ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर (शूटिंग), खरगौन
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जान्हवी श्रीवास्तव (कायकिंग-कैनोइंग), भोपाल
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रागिनी मार्को (तीरंदाजी), जबलपुर
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शिवानी पवार (कुश्ती), छिंदवाड़ा
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श्रुति यादव (बॉक्सिंग), भोपाल
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यामिनी मौर्य (जूडो), सागर
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सचिन भार्गव (खो-खो), देवास
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नीलू डाडिया (हॉकी), मंदसौर
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प्रवीण कुमार दवे (सॉफ्टबॉल), इंदौर
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रूबिना फ्रांसिस (शूटिंग – दिव्यांग वर्ग), जबलपुर
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अपूर्व दुबे (पावरलिफ्टिंग), इंदौर
एकलव्य पुरस्कार विजेताओं की सूची
एकलव्य पुरस्कार का उद्देश्य उभरती खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना है। इस सम्मान के अंतर्गत खिलाड़ियों को 1 लाख रुपये की राशि दी जाती है। इस बार यह पुरस्कार निम्न खिलाड़ियों को मिला:
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रितुराज बुंदेला (शूटिंग), टीकमगढ़
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भूमि बघेल (कायकिंग-कैनोइंग), महेश्वर
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कृष्णा मिश्रा (स्क्वैश), इंदौर
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पूजा दांगी (फेंसिंग), राजगढ़
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प्रभाकर सिंह राजावत (रोइंग), ग्वालियर
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नेहा ठाकुर (सेलिंग), देवास
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प्रखर जोशी (तैराकी), इंदौर
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अर्जुन वास्कले (एथलेटिक्स), खरगौन
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प्रियांशी प्रजापत (कुश्ती), उज्जैन
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अंकित पाल (हॉकी), ग्वालियर
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गौरव पचौरी (पावरलिफ्टिंग), मुरैना
विश्वामित्र और लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान
कोचों और प्रशिक्षकों के योगदान को रेखांकित करते हुए विश्वामित्र पुरस्कार तीन अनुभवी कोचों को प्रदान किया गया, जिनमें शामिल हैं:
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पीजूष कांती बारोई (कायकिंग-कैनोइंग), भोपाल
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अशोक कुमार यादव (तीरंदाजी), जबलपुर
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लोकेन्द्र शर्मा (हॉकी), भोपाल
प्रत्येक कोच को 2 लाख रुपये की राशि दी गई।
इसके साथ ही लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से उज्जैन के जिम्नास्टिक प्रशिक्षक रतनलाल वर्मा को सम्मानित किया गया। उन्हें भी 2 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की गई।
समारोह में शामिल हुए कई गणमान्य अतिथि
इस गरिमामयी समारोह में ओलंपिक संघ के अध्यक्ष रमेश मेंदोला, सचिव दिग्विजय सिंह, प्रमुख सचिव मनीष सिंह सहित राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, खिलाड़ी, कोच और बड़ी संख्या में खेलप्रेमी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन भव्य तरीके से हुआ और हर खिलाड़ी को मंच पर बुलाकर शॉल, श्रीफल और चेक प्रदान किया गया।