जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश इन दिनों भारी बारिश के दौर से गुजर रहा है। बंगाल की खाड़ी से उठे लो प्रेशर एरिया, ट्रफ लाइन, डिप्रेशन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के सक्रिय होने के चलते प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश हो रही है। राजधानी भोपाल में शुक्रवार रात से ही मूसलधार बारिश का सिलसिला जारी है। वहीं, ग्वालियर, जबलपुर, बैतूल, सीधी और नर्मदापुरम समेत कई जिलों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
राज्य के प्रमुख डैमों के गेट खोल दिए गए हैं। नर्मदापुरम के तवा डैम के 7 गेट 10-10 फीट तक खोलकर पानी छोड़ा गया है, जबकि बैतूल के सतपुड़ा डैम के 7 गेट भी खोलने पड़े। बरगी और बारना डैम से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। मंडला में नर्मदा नदी का जलस्तर सुबह 9 बजे वॉर्निंग लेवल पार कर 437.2 मीटर पर पहुंच गया, जिससे माहिष्मती घाट पर बना छोटा रपटा पुल डूब गया।
ग्वालियर में बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। जलभराव के चलते विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के सरकारी बंगले में पानी भर गया, जबकि हजीरा क्षेत्र में एक पुरानी इमारत ढह गई। जबलपुर के बरगी डैम के गेट भी खोलने पड़े हैं, जिससे निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, मुरैना के पगारा डैम का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है और इसके सभी छह ऑटोमैटिक गेट खोल दिए गए हैं।
मौसम विभाग ने शनिवार को प्रदेश के 41 जिलों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें रायसेन, सागर, दमोह, पन्ना, सतना और रीवा में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जहां अगले 24 घंटे में 8 इंच से अधिक वर्षा की संभावना जताई गई है। इसके अलावा 21 जिलों में ऑरेंज और 14 जिलों में यलो अलर्ट घोषित किया गया है। सिंगरौली में भारी बारिश के कारण सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।
सीधी जिले में 24 घंटे में 5 इंच के करीब बारिश दर्ज की गई, जबकि सिंगरौली में 7 इंच पानी गिरा है। पचमढ़ी, उमरिया, मलाजखंड, गुना, सागर और छिंदवाड़ा जैसे क्षेत्रों में भी अच्छी बारिश हुई है। भोपाल, दतिया, शिवपुरी, उज्जैन, मंदसौर, शाजापुर और राजगढ़ जैसे जिलों में भी बारिश का दौर लगातार जारी है।
वर्तमान स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग और स्थानीय प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। नदी किनारे और निचले इलाकों में रह रहे लोगों से सतर्क रहने और ज़रूरत पड़ने पर ऊँचे स्थानों पर शिफ्ट होने की अपील की गई है।
इस मानसूनी सिस्टम के अगले 48 घंटे तक सक्रिय रहने की संभावना है, जिससे प्रदेश के कई और हिस्सों में जलभराव, फसलों को नुकसान और यातायात बाधित होने की स्थिति बन सकती है। सरकार ने आवश्यक सतर्कता बरतने और जरूरत पड़ने पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं।